मुंबई। संसद में सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक घमासान जारी है। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। उन्हें यह नोटिस पिछले चुनाव में दिये गये हलफनामे को लेकर भेजा गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मंत्री आदित्य ठाकरे, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले को भी आयकर ने नोटिस भेजा है। आयकर विभाग की तरफ से इस नोटिस के जरिए पिछले कुछ चुनावों में दाखिल किये गये हलफनामे की जानकारी मांगी गयी है।
सोमवार को मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इसकी पुष्टि भी की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ नोटिस भिजवा कर उनके खिलाफ प्रोपेगैंडा खड़ा कर रही है। उन्होंने तंज कसा कि वो लोग (नोटिस भेजने वाले) कुछ लोगों को ज्यादा चाहते हैं।
बता दें कि पिछले काफी समय से भाजपा और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी चल रही है। इसी बीच आयकर विभाग ने नेताओं को नोटिस भेजा है। इतना ही नहीं शरद पवार और शिवसेना ने लगातार कृषि विधेयकों का विरोध किया है।
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके मंत्री बेटे आदित्य ठाकरे, शरद पवार और उनकी सांसद बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ झूठा हलफनामा देने के आरोप की जांच करने का आग्रह किया है। चुनाव आयोग ने ये शिकायतें एक माह पहले ही सीबीडीटी को सौंपी थी और हाल ही में उसकी दोबारा याद दिलायी है। आयोग ने चुनावी हलफनामे में संपत्तियों और देनदारियों की सत्यता की जांच करने का आग्रह किया है।
मालूम हो कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125ए के तहत यदि कोई व्यक्ति हलफनामे में झूठी जानकारी देने का दोषी पाया गया, तो उसे छह महीने की जेल, जुर्माना या दोनों ही सजा हो सकती हैं।
संसद में घमासान के बीच पवार-ठाकरे को आयकर का नोटिस
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