रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश की उन्नति उन्नति के लिए राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय होना चाहिए। जिस तरह से अग्रणी देश बनाने के लिए केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू किया। हम लोगों ने भी केंद्र पर विश्वास जताते हुए अपनी रीढ़ की हड्डी केंद्र को समर्पित कर दिया। लेकिन वर्तमान में देश की अर्थव्यव्स्था का जो आलम है, किसानों का जो आलम, मजदूरों की जो दुर्दशा है, उसे देख कर साफ कहा जा सकता है कि आर्टिकल-123 का दुरूपयोग हुआ है। चाहे वह शिक्षा नीति में हो, चाहे वह कृषि नीति में हो, चाहे वह माइनिंग को लेकर हो, और अब तो श्रम कानून पर भी चर्चा हो रही है। इसे देख कर कहा जा सकता है कि आज कहीं न कहीं हमारे जैसे पिछडेÞ राज्यों के लिए आनेवाले समय में कई दिशा से चुनौती आयेगी। इस संदर्भ में भी मेरी चिंता है। अभी हम लोगों ने कृषि विभाग को फोकस किया है। इस राज्य में अधिकतर कृषि पर आश्रित लोग हैं, उन्हें कैसे अपने पैरों पर खड़ा किया जाये, इसके लिए कार्ययोजना बनायी जा रही है। सत्र की समाप्ति पर उन्होंने कहा कि सत्र का आज अंतिम दिन था। कुल मिलाकर सत्ता पक्ष के पास बहुत सारे मुद्दे थे, लेकिन विपक्ष मुद्दाविहीन था। सरना धर्म कोड की मांग पर पूछे गये सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बहुत बड़े तबके की मांग के साथ हम भी सहमत हैं, बहुत जल्द प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजेंगे।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि हम बहुत ही कम संसाधन में किस तरह लड़ाई लड़ रहे हैं, इससे पूरा राज्य वाकिफ है। सीएम ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को काम दिलाने की दिशा में कार्ययोजना बनायी जा रही है। नियोजन नीति पर उन्होंने कहा कि फैसले की हम समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में जो हुआ था, उसे देख कर यह लगता है कि वह सरकार किसी खास एजेंडे पर काम कर रही थी। उन एजेंडों की अब लगातार पोल खुल रही है।
नीति बनाने में केंद्र सरकार कर रही मनमानी : हेमंत
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