भारत सरकार ने चीन में विकसित 118 मोबाइल ऐप्स को बैन कर दिया है जिनमें गेमिंग ऐप पबजी भी शामिल है.

इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन ऐप्स को इसलिए बैन किया गया है, क्योंकि वे भारत की संप्रभुता और अखंडता, देश की रक्षा और लोक व्यवस्था के विरूद्ध गतिविधियो में लिप्त थे.

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “इस क़दम से भारत के करोड़ों मोबाइल और इंटरनेट यूज़र्स के हितों की रक्षा होगी. ये फ़ैसला भारत के साइबर स्पेस की सुरक्षा और संप्रभुता को सुनिश्चित करने के इरादे से लिया गया है”.

बयान के अनुसार भारत सरकरा को इन ऐप्स के बारे में विभिन्न स्रोतों से शिकायतें मिल रही थीं, जिनमें ऐसी रिपोर्टें भी थीं कि एंड्रॉयड और आइओएस पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप्स से यूज़र्स के डेटा अनाधिकृत तौर पर चोरी कर भारत से बाहर स्थित सर्वर में भेजे जा रहे थे.

अब तक 224 ऐप्स को बैन किया जा चुका है

भारत सरकार ने इससे पहले जून में भी चीन से जुड़े 59 ऐप्स को बैन किया था. इनमें टिकटॉक भी शामिल था.

पिछली बार 59 चीनी ऐप्स को बैन करने का फ़ैसला गलवान घाटी में 15 जून को भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद लिया गया था जिसमें भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी. उसके बाद सरकार ने एक बार और 47 ऐप्स को बैन किया था.

इस तरह कुल मिलाकर सरकार अब तक 224 ऐप्स को बैन कर चुकी है.

चीन के 118 ऐप्स को बैन करने का फ़ैसला ऐसे समय लिया गया है जब भारत और चीन के बीच एक बार फिर से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा या एलएसी पर दोनों देशों के बीच तनाव की ख़बरें आ रही हैं.

भारत ने चीन पर आरोप लगाया है कि गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद तनाव को दूर करने के लिए जारी प्रयासों के बीच चीन ने एक बार फिर से एलएसी का उल्लंघन करने की कोशिश की है जिसे नाकाम कर दिया गया.

भारत के विदेश मंत्रालय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव ने मंगलवार को कहा कि चीन ने 29 और 30 अगस्त की रात को पैंगोंग लेक के साउथ बैंक क्षेत्र में भड़काऊ सैन्य हरकत करते हुए यथास्थिति को तोड़ने की कोशिश की और इसके अगले दिन भी ऐसी कार्रवाई की जिसे नाकाम कर दिया गया.

हालाँकि, चीन ने इससे इनकार करते हुए मंगलवार को भारत से कहा कि वो उकसाने वाली हरकत बंद करे और अपने उन सैनिकों को तत्काल वापस बुला ले जिन्होंने ग़लत तरह से वास्तविक नियंत्रण रेखा या एलएसी का उल्लंघन किया है.

हाल ही में अमरीका ने भी कई चीनी ऐप्स को बैन कर दिया था. ट्रंप प्रशासन ने अमरीकी कंपनियों को आदेश दिया था कि वो टेनसेंट के वीचैट प्लेटफ़ॉर्म से बिज़नेस करना बंद कर दें.

व्हाइट हाउस के वाणिज्य सलाहकार पीटर नवारो ने कहा है कि अमरीकी प्रशासन चीन की और ऐप्स को बैन करने के बारे में विचार कर रहा है.

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