रांची। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि अस्पताल का वातावरण इतना अच्छा हो कि वहां आने वाले व्यक्ति अस्पताल में इलाज कराने में संकोच नहीं करें। मरीज और उनके अभिभावक या परिजन अस्पताल से संक्रमण लेकर वापस नहीं जायें। राज्य की आम जनता के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायें। बन्ना गुप्ता गुरूवार को नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में कायाकल्प पुरस्कार 2019-20 एवं 2020-21 के तहत विभिन्न अस्पतालों को कायाकल्प पुरस्कार वितरण समारोह में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने सार्वजिनक स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए 15 मई 2015 को एक राष्ट्रीय पहल कायाकल्प की शुरूआत की है। कायाकल्प पुरस्कार प्रत्येक वर्ष देने का प्रवधान है। इसका उद्देशय ऐसी सर्वाजनिक स्वास्थ्य संस्थान को प्रोत्साहित कर उसकी पहचान करना है जो की स्वच्छता और संक्रमण पर नियंत्रण के लिए मानक प्रोटोकॉल का पालन कर अनुकरणीय कार्य करते है। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता, साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

सार्वजनिक स्थल पर स्वच्छ वातावरण की परिकल्पना को साकार करने के लिए भारत सरकार द्वारा दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ किया गया। दो अक्टूबर माहत्मा गांधी की जयंती को याद कर हम सभी लोग उसके आदर्श विचारों, सिद्धांतों तथा उनके गैरवशाली परम्परा को अपनाने का अवाहन सभी प्रतिभागियों से किए।

उन्होंने कायाकल्प पुरस्कार की राशि को बढ़ाने तथा कायाकल्प दिशा-निर्देश और बेहतर बनाने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र के माध्यम से जानकारी देने की बात कही। झारखण्ड में कायाकल्प पुरस्कार के तर्ज पर एक योजना बनाने, एक नई व्यवस्था मुख्यमंत्री के नेतृत्व में स्थापित करने को उन्होनें कहा, जिसके परिणाम स्वरूप यह प्रयास होगा झारखण्ड का स्थान पूरे देष में प्रथम हो। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा राज्य की आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी गई। इन अस्पतालों में इलाज कराने वाले लोगों को स्वच्छ वातावरण में विभिन्न अस्पताल जनित संक्रमण से उनकी रक्षा करना एक प्रमुख अंग है।

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