रांची। पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के दो बॉडीगार्ड की हत्या और हथियार लूटने के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही है। वह इस घटना में शामिल चार नक्सलियों से पूछताछ कर रही है। एनआइए ब्रांच रांची ने शैलेंद्र बहांदा, पुसा लुगून, प्रधान कोडाह और किस्मत कोडाह को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि एनआइए ब्रांच रांची ने इस मामले को टेकओवर करते हुए कांड संख्या आरसी 03/2022 दर्ज किया है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी एनआइए के इंस्पेक्टर सचिता नंद के जिम्मे है।
इन धाराओं के तहत नौ पर मामला दर्ज
एनआइए ने इस मामले को टेकओवर करते हुए एक करोड़ का इनामी नक्सली मिसिर बेसरा, रघु, अश्विन, चंदन, मोछू, सुशांत, सागेन, कांडे होनहागा और सोनाराम होनहागा पर मामला दर्ज किया है। एनआइए ने आइपीसी की धारा 147, 148, 149, 120इ, 121, 121अ, 302, 307, 353, 333, 395, 396, 397, आर्म्स एक्ट 27, यूपीए एक्ट 16, 18, 20, 38 और 39 और सीएलए एक्ट 17 के तहत मामला दर्ज किया है।
झीलरुआ स्कूल मैदान में हुआ था हमला
बता दें कि यह घटना बीते 4 जनवरी 2022 की शाम करीब 6.15 बजे हुई थी। जब झीलरुआ स्कूल मैदान में खेलकूद समारोह के क्रम में नक्सलियों ने पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला कर दिया था। इस दौरान पूर्व विधायक ने भीड़ में शामिल होकर और बंडी हाथ में लेकर अपनी जान बचायी थी। थोड़ी देर बाद पैदल ही चलते हुए घर पहुंच गये थे। वहीं नक्सलियों ने मैदान में मौजूद पूर्व विधायक के तीनों बॉडीगार्ड्स को घेर लिया और उनके हथियार लूटने लगे थे। इस दौरान तीनों बॉडीगार्ड ने नक्सलियों के साथ जांबाजी से लड़ाई की थी, लेकिन नक्सलियों ने बॉडीगार्ड्स पर चाकू से हमला और गोली चलायी। गोली लगने से दो जवानों की मौत हो गयी थी, जबकि एक जवान ने किसी तरह घायलावस्था में भाग कर अपनी जान बचायी थी।
हथियार लूटना मुख्य मकसद था
जिला पुलिस की जांच में खुलासा हुआ था कि पश्चिमी सिंहभूम के झीलरुआ हाई स्कूल मैदान में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन में पूर्व मुखिया कुजरी केराई भी आयोजकों में से एक था और बॉडीगार्ड की हत्या पूर्व नियोजित थी। उन्होंने बताया कि नक्सलियों का मुख्य मकसद विधायक के बॉडीगार्ड्स से हथियार लूटना था। इसको लेकर नक्सलियों ने दो दिन पहले बैठक भी की थी। पूर्व मुखिया कुजरी केराई ने जान-बूझ कर कार्यक्रम का आयोजन देर से किया था। वहीं, नक्सली हमले से करीब 10-15 मिनट पहले पूर्व मुखिया वहां से चले गये थे। इस मामले में जिला पुलिस ने इस घटना में प्रधान कोडाह, पुसा लुगून, कुजरी केराई, श्रीराम तुबिद, शैलेंद्र बहांदा, मंगल सिंह लुगून, मंगल सिंह दिग्गी, रंगिया लुगुन और सुनिया सुरीन को गिरफ्तार किया था।