Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, May 13
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»लाइफस्टाइल»रिलेशनशिप»हर महिला को सुरक्षित व वैधानिक रूप से भ्रूण हटाने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट
    रिलेशनशिप

    हर महिला को सुरक्षित व वैधानिक रूप से भ्रूण हटाने का अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

    azad sipahiBy azad sipahiSeptember 29, 2022No Comments1 Min Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर महिला को सुरक्षित और वैधानिक रूप से भ्रूण हटाने का अधिकार है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि 20 से 24 हफ्ते का भ्रूण हटाने का अधिकार हर महिला को है, चाहे वह शादीशुदा हो या विवाहित। अविवाहित महिला को भी अपना भ्रूण सुरक्षित और वैधानिक रूप से हटाने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि समाज के बदलने के साथ कानून स्थिर नहीं रह सकता है। एमटीपी एक्ट की व्याख्या करते समय समाज की सच्चाई परिलक्षित होनी चाहिए। विवाहित और अविवाहित महिला का फर्क नहीं होना चाहिए।

    कोर्ट ने कहा कि असुरक्षित अबॉर्शन को टाला जा सकता है। किसी प्रेग्नेंट महिला की मानसिक स्थिति का भी ध्यान रखना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि विवाहित महिला भी रेप का शिकार हो सकती है। वो अपने पति के साथ बिना इच्छा बनाए गए संबंध से भी प्रेग्नेंट हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि रेप को साबित करने की जरूरत एमटीपी एक्ट के लक्ष्य के खिलाफ होगा। कोर्ट ने कहा कि पॉक्सो एक्ट और एमटीपी एक्ट को एक साथ देखना होगा।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleअखिलेश यादव फिर बने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
    Next Article 11वीं के छात्र ने खुद के अपहरण के प्रयास का रचा ड्रामा, दिनभर पुलिस हुई परेशान
    azad sipahi

      Related Posts

      चीनी सुपर लीग क्लब वुहान थ्री टाउन्स क्लब के कोच पद से हटे रिकार्डो रोड्रिगेज  

      December 12, 2024

      ट्रेन के शौचालय में गूंजी किलकारी

      December 13, 2023

      शारदीय नवरात्रि आज से, घटस्थापना के साथ विराजेंगी मां आदिशक्ति

      October 15, 2023
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • कांग्रेसी अपना दोहरा राजनीतिक चरित्र दिखाना बंद करे: प्रतुल
      • सीएम हेमंत सोरेन ने सीबीएसइ के विद्यार्थियों को दी बधाई
      • साइबर अपराधियों ने सीसीएल की वेबसाइट की हैक, प्रबंधन में हड़कंप
      • हाईकोर्ट में बगैर अधिकार केसों का स्टेटस बदलने का मामला, जांच में साफ्टवेयर कम्पनी जिम्मेदार
      • सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में जनपद की टॉपर बनीं तेजस्वी सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version