मुंबई। घाटकोपर में 11 साल के एक छात्र ने स्कूल परीक्षा में कम नंबर आने से परिवार की डांट से बचने के लिए खुद के अपहरण के प्रयास का ड्रामा रच कर पुलिस को परेशान किया। असलियत सामने आने पर पुलिस ने छात्र को समझा कर ऐसा न करने की सलाह देते हुए उसे उसके मां-बाप के हवाले कर दिया। घाटकोपर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय दहाके के अनुसार अशोक नगर इलाके में रहने वाले 11 वर्षीय छात्र को स्कूल में हुई परीक्षा में कम अंक मिले थे।
इसलिए उसे डर था कि स्कूल और घर में डांट मिलेगी। इसी डर से बच्चे ने अपने पालकों के समक्ष झूठी अपहरण की कहानी गढ़ डाली। बच्चे ने बताया कि बुधवार को मैं स्कूल जा रहा था, उसी समय तभी दो लोगों ने चलती रिक्शा में मेरा अपहरण करने का प्रयास किया, मेरा मुंह दबाया लेकिन मैं कूद गया और भाग गया। यही बात बच्चे के पालकों ने घाटकोपर पुलिस स्टेशन में जाकर पुलिस वालों को बताई। इस तरह की घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के कान खड़े हो गए।
सूचना के आधार पर वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक संजय दहाके ने तुरंत टीमें गठित कर इस रिक्शा की तलाश करने निर्देश दिए, लेकिन सीसीटीवी और स्थानीय लोगों की जानकारी से पता चला कि ऐसी घटना हुई ही नहीं थी। इसके बाद पुलिस ने बुधवार को शाम को लडक़े को फिर से पुलिस स्टेशन में बुलाया और विश्वास में लेकर उससे पूछा तो उसने कबूल किया कि उसने झूठी कहानी रची थी ताकि उसे स्कूल न जाना पड़े। इसके बाद पुलिस ने उसे समझाकर उसके पालकों को सौंप दिया। छात्र के झूठ को लेकर पुलिस दिनभर कसरत करती रही।