रांची। आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा है कि झारखंडी युवाओं के नियोजन में स्थानीय नीति सरकार सुनिश्चत करे। राजनीतिक मजबूरियों में सही, हेमंत कैबिनेट ने 1932 के खतियान पर स्थानीय नीति के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है, लेकिन इसे व्यवहार में लाया जा सके, तब तक आजसू पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा। 1932 के खतियान पर स्थानीय नीति लागू करने के लिए आजसू पार्टी ने सबसे ज्यादा और सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया है। इसलिए पार्टी हरगिज इसे खाली जाने नहीं देगी।महतो गुरुवार को राजगंज स्थित बगदाहा में पार्टी के उत्तरी प्रमंडलीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णयों और विचारों में सामंजस्य नहीं दिखता। वह सोच विचार कर कोई कदम नहीं उठा रही। यही वजह है कि सरकार के अंदर ही अलग-अलग आवाज उठते रहे हैं। स्थानीय नीति के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मंजूरी तो दी है, लेकिन इसके व्यवहार में आने तक हमारी पैनी नजर बनी रहेगी। क्योंकि यह झारखंड के वजूद और जनभावना से जुड़ा सवाल है। इस सम्मेलन में सात जिलों के कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव पर भी मंजूरी दी गई है, लेकिन जातीय जनगणना कराने से सरकार बच रही है। जबकि हम इस विषय पर लगातार जोर दे रहे हैं। जातीय जनगणना होने से पता चल सकेगा कि पिछड़ों की आबादी कितनी है और उनकी आर्थिक, सामाजिक हैसिय़त कैसी है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मेंरे दिल में बसते हैं। वही हमारे नेता हैं। आने वाला समय भी हमारा होगा।
बिनोद बिहारी महतो धाम के लिए 25 लाख
आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने घोषणा करते हुए बताया कि बिनोद बिहारी महतो धाम के लिए सांसद फंड से 25 लाख रुपए देंगे। यह फंड उनकी आदमकद प्रतिमा और जीवनी संग्रह के काम आएगा। 23 सितंबर को बिनोद बाबू की जंयती है। इस दिन से पार्टी पूरे एक साल के लिए कार्यक्रम तय करेगी। इस कार्यक्रम के तहत बिनोद बाबू के विचार के तहत शिक्षा, सामाजिक न्याय और संघर्ष की अवधारणा के साथ झारखंडी को एकजुट किया जायेगा।