रांची। हेमंत सोरेन सरकार के 1000 दिन पूरे होने पर झामुमो ने सरकार के हजार दिन की उपलब्धियां गिनायीं। शनिवार को झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हेमंत सरकार के 1000 दिन की बड़ी उपलब्धियों को सामने रखा। 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने का फैसला, ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी करने का फैसला, निजी क्षेत्रों में स्थानीय के लिए 75 फीसदी आरक्षण जैसी सरकार के कई फैसलों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार 1000 दिन में जिस दिशा में बढ़ी है, उससे यह लगता है कि आगे एक लाख दिन यह सरकार हेमंत सोरेन के नेतृत्व में काम करेगी। सुप्रियो ने कहा कि हेमंत सरकार ने ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी करने का फैसला लिया। कैबिनेट में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की मंजूरी दी। सरना आदिवासी धर्मकोड सर्वसम्मति से विधानसभा में पारित हुआ। झारखंड आंदोलनकारी चिह्नितीकरण आयोग का पुनर्गठन हुआ।  झारखंड में पहली बार जनजातीय महोत्सव का आयोजन किया गया। नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को पुन: अधिसूचित नहीं करने का फैसला लिया गया। हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी को हस्तांतरित 26 रैयतों को 56.88 एकड़ भूमि वापस दी गयी। वहीं सरायकेला में भी 5 एकड़ भूमि रैयत को वापस हुई। कैबिनेट की पहली बैठक में पत्थलगड़ी के मुकदमे वापस लेने का निर्णय हुआ। हेमंत सरकार ने राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस ) लागू किया।  सोना सोबरन धोती साड़ी योजना शुरू हुई, जिससे 10 रुपये में वर्ष में दो बार गरीबों को वस्त्र मिल रहा।  2013 से राशन कार्ड से वंचित 15 लाख लोगों को हरा राशन कार्ड देने की प्रक्रिया शुरू हुई। राज्य सरकार ने यह संख्या 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत आठवीं और नौवीं की छात्राओं को 2,500, 10वीं से 12वीं के छात्राओं को 5000 और 18 से 19 साल की किशोरियों को 20000 एकमुश्त अनुदान मिलेगा। राज्य गठन की बाद पहली बार 24 जिला खेल पदाधिकारी नियुक्त हुए। 20 वर्ष में पहली बार जेपीएससी नियमावली बनायी गयी।  64,000 पारा शिक्षक और 74,000 आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका को अधिकार मिला। 20 वर्ष में पहली बार 39 खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति मिली। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से 4,000से अधिक युवाओं को लाभ मिला। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नयी उद्योग प्रोत्साहन नीति लागू की गयी। मुख्यमंत्री पशुधन योजना से एक लाख किसानों को जोड़ा गया। केसीसी के अंतर्गत 13.84 लाख किसानों को जोड़ा गया। किसान ऋण माफी योजना से 4 लाख किसानों को मदद की गयी। मनरेगा अंतर्गत श्रमिकों की मजदूरी 225 रुपये किया गया।

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