RANCHI | राज्य सरकार विलुप्त होती आदिम जनजातियों के अस्तित्व को बचाने की दिशा में एक कदम आगे बढाया है. सरकार इसके लिए फिल्म निर्माताओं से मदद लेगी. इसके लिए टेंडर भी जारी कर दी गयी हैं.

जानकारी के अनुसार झारखंड में (2011 की जनगणना के आधार पर) विशेष जनजाति की आबादी दो लाख 92 हजार है. इसमें सबर जैसे जनजाति की आबादी 3 प्रतिशत ही है. राज्य में सबर के सामने चुनौती तो है ही, असुर, बिरहोर, बिरजिया, माल पहाड़िया, सौरिया पहाड़िया, कोरवा सबर, हिल खड़िया और परहिया आदिम जनजातियों की श्रेणी में आने वाले भी खतरे के दायरे में हैं. अशिक्षा, कुपोषण और अन्य कारणों से इनकी संख्या सीमित हो रही है. ऐसे में संस्कृति निदेशालय इनके ऊपर डाक्यूमेंट्री के जरिये प्रभावी पहल शुरू होने की उम्मीद कर रहा है.

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