रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर हमला बोला है। पार्टी ने कहा है कि चुनाव आयोग को भेजा गया पत्र सांसद निशिकांत के हाथों में पहुंचना संयोग नहीं हो सकता। जब यह पत्र सांसद के पास है, तो चुनाव आयोग का राज्य के सीएम पर दिया गया तथाकथित मंतव्य भी इनके पास होगा? झामुमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मामले में संज्ञान लेने की अपील की है। सोशल मीडिया पर देर रात किये एक ट्वीट में झामुमो का कहना है कि संवैधानिक संस्थाओं का बिकना महज एक संयोग नहीं, लोकतंत्र की नींव को खोखला करने की गहरी साजिश है। देश और झारखंड की जनता का इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है? रही बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्ताक्षर की, तो उनके द्वारा पुष्टि की जा सकती है। बता दें कि बीते दिनों सांसद निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग को लिखे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव के साथ अपने हस्ताक्षर के साथ भी धोखा किया। चुनाव आयोग को इसे फोरेंसिक और सीबीआइ जांच करानी चाहिए। दोनों हस्ताक्षर में जमीन आसमान का अंतर है।

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