पटना/बक्सर। जिले के चौसा थर्मल पावर प्लांट में काम करने वाले मजदूर बीते 21 सितम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। शनिवार को तीसरे दिन भी प्लांट परिसर में मजदूर काम ठप कर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि फरवरी में निर्माण कार्य पूरा कर ट्रायल शुरू करना है। मजदूरों की मांग है कि बोर्ड रेट के अनुसार मजदूरी और आठ घंटे की ड्यूटी सुनिश्चित की जाए।

देश की दूसरी बड़ी बिजली उत्पादन परियोजना का लगभग 80 प्रतिशत कार्य ठप है। इससे कंपनी के अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई है। शनिवार की सुबह से मजदूर वर्कर्स कॉलोनी में ही प्रदर्शन शुरू कर दिए। प्रदर्शनकारी मजदूरों का कहना है कि कंपनी के अधिकारी जब तक लिखित आश्वासन नहीं देते हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

इंटक जिला मजदूर संघ के अध्यक्ष गौरव राय ने कहा कि मजदूरों का निबंधन नहीं किया गया है। निबंधन हो गया होता तो उन्हें बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे, पेंशन, बोर्ड रेट के अनुसार मजदूरी और आठ घंटे की ड्यूटी करनी होती लेकिन उन्हें कोई मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि पावर प्लांट के मजदूरों ने शिकायत भी की है लेकिन कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 12 घंटे की ड्यूटी करने के बाद 8 घंटे का पेमेंट दिया जाता है।

660-660 मेगावॉट की बन रही 2 यूनिट
चौसा थर्मल पावर प्लांट से 1320 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इसको लेकर 660-660 मेगावॉट के दो यूनिट बनाई जा रही है। खास बात यह है कि यहां कोयला और पानी से बिजली उत्पादन किया जाएगा।सतलज जल विद्युत निगम के अधिकारियों के मुताबिक, चौसा पावर प्लांट 1283 एकड़ जमीन पर बनाई जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है। इस साल के अंत तक थर्मल पावर प्लांट को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जनवरी-फरवरी में ट्रायल पूरा होने के बाद उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। नए वित्तीय वर्ष से बिहार को प्लांट से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत उपलब्ध कराया जाएगा।

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