रांची। सरकारी टेंडर में कमीशन के जरिये करोड़ों रुपये की अवैध कमाई करने और उस कमाई को वैध बनाने के लिए मनी लांड्रिंग करने के आरोपी निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम उनके सहयोगी नीरज मित्तल और राम प्रकाश भाटिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी गयी है। रांची (प्रिवेंशन आॅफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) की स्पेशल कोर्ट ने 15 सितंबर (शुक्रवार) की सुनवाई के बाद सभी आरोपियों की बेल पर इडी और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वीरेंद्र राम पर अपने पद पर रहते हुए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई का आरोप है, वहीं नीरज मित्तल और राम प्रकाश भाटिया पर जेल में बंद निलंबित अभियंता प्रमुख बीरेंद्र राम के पैसों के निवेश में सहायता करने का आरोप है। इन्हें इडी ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ इडी आरोप पत्र भी दाखिल कर चुकी है। इडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिव कुमार उर्फ काका जी ने बहस की। वहीं नीरज मित्तल की ओर से अधिवक्ता प्रीतांशु सिंह ने बहस की।
वीरेंद्र राम, नीरज मित्तल और राम प्रकाश भाटिया को जमानत देने से कोर्ट का इंकार
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