– ट्रांसपोर्ट रोल और परिवहन पायलटों को प्रशिक्षण देने में होगा इस्तेमाल
– सीमावर्ती इलाकों में वायु सेना की परिचालन क्षमता में और इजाफा होगा
नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से मिले दो डोर्नियर-228 विमानों में से एक को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है। वायु सेना इस विमान का उपयोग ट्रांसपोर्ट रोल और परिवहन पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए करेगी। सभी छह विमानों के मिलने से सीमावर्ती दूर-दराज के इलाकों में भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता में और इजाफा होगा।
रक्षा मंत्रालय ने इसी साल 10 मार्च को छह डोर्नियर-228 विमान खरीदने के लिए एचएएल के साथ 667 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। सौदे के आधार पर एचएएल ने रिकॉर्ड समय में विमान का उत्पादन करके बुधवार को पहले दो नवनिर्मित डोर्नियर-228 विमान वायु सेना को सौंप दिए हैं। एचएएल की ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट डिवीजन कानपुर में वायु सेना की टीम को प्रशिक्षण भी दिया है। विमान का यह नया संस्करण नए इंजन, मिश्रित प्रोपेलर, उन्नत एवियोनिक्स और ग्लास कॉकपिट से सुसज्जित है।
जर्मन कंपनी डोर्नियर ने 245 और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने 125 हल्के यूटिलिटी विमान डोर्नियर-228 विमान बनाए हैं। वायुसेना के पास इस समय 50 यूटिलिटी डोर्नियर-228 विमान सेवा में हैं। वायुसेना के अलावा इंडियन कोस्टगार्ड और नौसेना भी इन विमानों का इस्तेमाल करती है। यह विमान उत्तर पूर्व के अर्ध-तैयार या लघु रनवे और भारत की द्वीप श्रृंखलाओं से छोटी दूरी के संचालन के लिए अनुकूल हैं। इन विमानों का निर्यात सेशेल्स और मॉरीशस को भी किया गया है।
डोर्नियर-228 विमान की खासियत
डोर्नियर-228 एक ट्विन-टर्बोप्रॉप शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग यूटिलिटी विमान है, जिसे भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने निर्मित किया है। एचएएल के मुताबिक डोर्नियर-228 ‘अत्यधिक बहुमुखी बहुउद्देशीय हल्का परिवहन विमान है। यह विमान कंप्यूटर परिवहन, तीसरे स्तर की सेवाओं, एयर-टैक्सी संचालन, तटरक्षक कर्तव्यों और समुद्री निगरानी जैसी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है। इसका इस्तेमाल प्रदूषण निवारण, सैनिकों के परिवहन, हवाई सर्वेक्षण, खोज और बचाव, कार्गो और रसद सहायता के लिए भी किया जा सकता है। विमान का कॉकपिट दो चालक सदस्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है और वातानुकूलित केबिन में 17 यात्री बैठ सकते हैं।