बेगूसराय। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और लेट्स इंस्पायर बिहार के संस्थापक विकास वैभव ने कहा है कि स्वयं को कमजोर समझना सबसे बड़ी मूर्खता है। हर व्यक्ति की क्षमता असीम है, जरुरत है बस अपने क्षमता को पहचानने की। बिहार समतामूलक समाज था, जबसे हम जात में बंटते गए, जब से पिछड़ते गए।
शनिवार को एपीएसएम कॉलेज बरौनी में आयोजित बौद्धिक उन्नयन कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए विकास वैभव ने कहा कि बिहार वह भूमि है, जहां साढ़े सात हजार गणराजा अपने गणपति को चुनते थे। यह लोकतंत्र की भूमि है। यहां जातियों के नाम पर संघर्ष नहीं था। तभी तो चाणक्य ने चन्द्रगुप्त के सामर्थ्य को देखा, उनकी जाति नहीं देखी और उन्हें राजा बना दिया। विकास वैभव ने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए इच्छा और समर्पण होनी चाहिए, सफलता जरूर मिलेगी।
छात्रों का आह्वान करते हुए आए दिन छात्रों के व्यवहार को लेकर हो रही घटना की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि अपने लक्ष्य पर केंद्रित करें, माता-पिता के सपना को साकार करें। अगर नहीं कर पाए तो उन्हें अपमानित नहीं होना पड़े, इसका ख्याल जरूर रखें। उन्होंने कहा कि भेदभाव से ऊपर उठे और चार घोड़े वाले रथ की तरह आपस में समन्वय कर लक्ष्य को प्राप्त करें। बिहार ज्ञान की भूमि थी, शौर्य की भूमि थी, उद्यमिता की भूमि थी, लेकिन आज हम कहां खड़े हैं यह ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए आपसी मनभेद को भूलकर, संघर्ष की जगह सहयोग का मार्ग अपनाएं। रत्नाकर से वाल्मिकीजब बन सकते हैं तो फिर बदलाव क्यों नहीं आ सकता है।
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य प्रो. मुकेश कुमार, प्रो. कमलेश कुमार, रामागार सिंह, लेट्स इंस्पायर बिहार के स्टेट कॉ-र्डिनेटर राहुल सिंह, जिला प्रभारी प्रभाकर कुमार राय, मृणाल भारद्वाज, फिल्म अभिनेता अमिय कश्यप, कुमार कृष्ण एवं राजू कुमार राजा आदि उपस्थित थे। अपने ही जिले के लाल आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के साथ संवाद में छात्रों को कई ऐसी जानकारी मिली जो उनके लिए भविष्य की राह दिखाने वाला है।