– बैठक में विश्व बैंक की वित्तीय क्षमता को बढ़ाने पर सहमति बनी

नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान ‘नई दिल्ली घोषणापत्र’ को आम सहमति से पारित कर दिया गया है। जी-20 संयुक्त घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। भारत की अध्यक्षता में हो रहे शिखर सम्मेलन के लिहाज से इस संयुक्त घोषणापत्र को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

राजधानी नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने प्रेस को संबोधित किया। वित्त मंत्री ने कहा डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को जी-20 वित्तीय समावेशन कार्य योजना में भी एकीकृत किया गया है, जो 2024 और 2026 के बीच चलेगा।

प्रेस को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि बैठक में वैश्विक समस्याओं के समाधान पर बातचीत हुई, जिसमें क्रिप्टो पर पॉलिसी को लेकर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि कॉमन क्रिप्टो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर जी-20 देश सहमत हो गए हैं। सीतारमण ने कहा कि समिट में 21वीं सदी के चुनौतियों पर चर्चा की गई। इस दौरान वैश्विक समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस बात पर चर्चा की गई कि कोई भी देश पीछे ना छूटे। इस दौरान ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई।

सीतारमण ने कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता ने ऐसे समाधान तैयार किए हैं, जो प्रत्येक सदस्य के साथ मेल खाते हैं और सभी के लिए साझा राह प्रस्तुत करते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि बड़े, बेहतर और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि बेहतर बड़े और अधिक प्रभावी एमडीबी का होना जरूरी है, क्योंकि दुनिया भर से विकासात्मक मांगें बहुत बढ़ रही हैं। इसलिए इन संस्थानों को बेहतर और बड़ा बनाना होगा। सीतारमण ने कहा कि बैठक में विश्व बैंक की वित्तीय क्षमता को बढ़ाने पर सहमति बनी है।

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