रांची (झारखंड)। आईएमए और झासा के आह्वान पर झारखंड के 15 हजार से ज्यादा सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टर्स शुक्रवार सुबह छह बजे से हड़ताल (अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार) पर चले गए थे लेकिन मारपीट के आरोपित की गिरफ्तारी की सूचना के बाद हड़ताल समाप्त कर दिया गया।

जानकारी के अनुसार एमजीएम में आरोपितों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद हड़ताल वापस ले ली गई है। सुबह छह बजे से ही मेडिकल सेवाएं बंद थी। केवल इमरजेंसी सेवाएं ही खुली थी लेकिन अब फिर से ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई है। आईएमए सचिव प्रदीप सिंह ने हड़ताल खत्म करने घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि 19 सितंबर को एमजीएम जमशेदपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश उरांव के साथ मारपीट हुई थी। आरोप है कि पांच साल की बच्ची की मौत से आक्रोशित परिजनों ने डॉक्टर के कमरे में घुसकर हमला कर दिया था। इस दौरान डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गये थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था।

इसके विरोध में एमजीएम सहित अन्य अस्पतालों के चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। एमजीएम के ओपीडी के मेन गेट को बंद कर धरना दिया गया था। डॉक्टर सुबह नौ से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक हड़ताल पर रहे थे। इस दौरान मारपीट करने वालों को गिरफ्तार करने की मांग की गयी थी। अस्पताल परिसर में पुलिस पिकेट बनाने और डॉक्टरों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की गयी थी। मारपीट के मुख्य आरोपित संतोष कुमार और रवि कुमार को साकची पुलिस ने देवनगर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने नाबालिग समेत 10 लोगों को अब तक हिरासत में लिया है।

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