-कांग्रेस ने बिल का किया समर्थन
-कानून बनने के बाद महिला सांसदों की संख्या 181 होगी
-नारी शक्ति वंदन विधेयक 2024 में लागू नहीं होगा
नयी दिल्ली। संसद का विशेष सत्र नयी संसद में शुरू हो गया है। लोकसभा में मंगलवार को नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश किया गया। इसके मुताबिक, लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू किया जायेगा। इस फॉर्मूले के मुताबिक, लोकसभा की 543 सीटों में 181 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। लोकसभा में इस बिल पर 20 सितंबर को सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक बहस होगी। नये विधेयक में सबसे बड़ा पेंच यह है कि यह डीलिमिटेशन यानी परिसीमन के बाद ही लागू होगा। ये परिसीमन इस विधेयक के बाद होनेवाली जनगणना के आधार पर ही होगा। 2024 में होनेवाले आम चुनावों से पहले जनगणना और परिसीमन करीब-करीब असंभव है। यानी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव समय पर हुए तो इस बार महिला आरक्षण लागू नहीं होगा। यह 2029 के लोकसभा चुनाव या इससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों से लागू हो सकता है।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हम ऐतिहासिक बिल लाने जा रहे हैं। अभी लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं, इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जायेंगी। यह आरक्षण सीधे चुने जानेवाले जन प्रतिनिधियों के लिए लागू होगा। यानी यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि अब दलगत राजनीति से ऊपर उठें। हम महिला आरक्षण बिल पर बिना शर्त के समर्थन करेंगे। संसद के स्पेशल सेशन के पहले दिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में बोल रहे थे, तो वे कांग्रेस की पूर्व सरकारों के कामों को गिनाने लगे, इस दौरान सोनिया ने उन्हें टोका और महिला आरक्षण पर बोलने को कहा। महिला आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने श्रेय लेने की कोशिश की। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान पर हंगामा हुआ। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान बिल लाया गया था। यह बिल अभी मौजूद है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लाये हैं। आप जानकारी दुरुस्त कर लीजिए। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। सरकार का कहना था कि बिल को अपलोड कर दिया गया है।
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भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए: मोदी
नयी दिल्ली (आजाद सिपाही)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी चुनाव तो दूर हैं और जितना समय हमारे पास बचा है। मैं मानता हूं कि यहां जो जैसा व्यवहार करेगा, यह निर्धारित करेगा कि कौन यहां बैठेगा, कौन वहां बैठेगा। उन्होंने कहा कि यद् भावं तद भवति! मुझे विश्वास है कि भावना भीतर जो होगी, हम भी वैसे ही भीतर बनते जायेंगे। भवन बदला है, भाव भी बदलना चाहिए, भावनाएं भी बदलनी चाहिए। संसद राष्ट्रसेवा का स्थान है। यह दलहित के लिए नहीं है। 19 सितंबर की यह तारीख इसलिए इतिहास में अमरत्व प्राप्त करने जा रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं, नेतृत्व कर रही हैं तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी मांएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, महत्वपूर्ण भूमिका भी निभायें। उन्होंने कहा कि देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिल कर नये प्रवेश द्वार खोल दें, इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं। महिलाओं के नेतृत्व में विकास के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए हमारी सरकार एक प्रमुख संविधान संशोधन विधेयक पेश कर रही है। इसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को विस्तार देना है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा।
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दलित-पिछड़ी महिलाओं को हक नहीं मिलता: खड़गे
-पक्ष-विपक्ष का हंगामा, सीतारमण ने साधा निशाना
आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने आये। उन्होंने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि दलित और पिछड़ी जाति की महिलाओं को वह मौका नहीं मिलता, जो बाकी सबको मिलता है। उनकी इस बात पर सत्ता पक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की राष्ट्रपति कौन हैं? वह ट्राइबल समाज से आनेवाली महिला हैं। जिस पार्टी के आप अध्यक्ष हैं, उसमें कई सालों तक एक महिला ही अध्यक्ष रही हैं।
सत्ता और विपक्ष के बीच काफी देर तक चले हंगामे के बाद भी खड़गे ने अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने कहा कि मैं इस बिल का स्वागत करता हूं। यह बिल राज्यसभा में 2010 में पास हो चुका है। मैं कोशिश कर रहा था कि जो कानून बने, उसका लाभ गरीबों को, महिलाओं को मिले। मैं उनको प्रोत्साहित करने के लिए बोल रहा था, लेकिन वह बीच में बोलने लगे। आपके राज में फेडरल स्ट्रक्चर कमजोर हो रहा है। इससे पहले पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि हम सबके लिए आज का दिन यादगार है। हमें तय समय सीमा में लक्ष्यों को हासिल करना है, क्योंकि देश जैसा मैंने पहले भी कहा था, ज्यादा प्रतीक्षा नहीं कर सकता।
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हेडिंग-संसद की पुरानी इमारत अब संविधान सदन
हेडर-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ फोटो खिंचवायी
नयी दिल्ली। संसद की 96 साल पुरानी इमारत में मंगलवार का दिन कार्यवाही का आखिरी दिन था। आजादी और संविधान को अपनाने की गवाह इस इमारत को विदाई देने पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ फोटो खिंचवायी। इसके बाद तमाम सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे। सेंट्रल हॉल में अपने अनुभव साझा करते समय कुछ सांसद भावुक हुए, तो किसी ने इसे गौरव का पल कहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का सेंट्रल हॉल हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। यहीं 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। बाद में संविधान ने भी यहीं आकार लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम यहां से विदाई लेकर संसद के नये भवन में बैठने वाले हैं और ये बहुत शुभ है कि गणेश चतुर्थी के दिन वहां बैठ रहे हैं। आज नये संसद भवन में हम सब मिल कर, नये भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन को संविधान सदन के नाम से बुलाने का प्रस्ताव रखा। सेंट्रल हॉल में मौजूद सांसदों ने मेज थपथपा कर इसकी सहमति दी। मोदी ने कहा कि पुराने सदन की गरिमा कभी कम नहीं होनी चाहिए। संविधान सदन से हमारी प्रेरणा बनी रहेगी।
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हेडर- करम पूजा के लिए बालू लेने गयी थीं बच्चियां
हेडिंग-चार बच्चियों की तालाब में डूब कर मौत
-सहेली को बचाने के चक्कर में मौत
आजाद सिपाही संवाददाता
गिरिडीह। करम पूजा के लिए तालाब से बालू लाने गयीं चार बच्चियों की डूब कर मौत हो गयी। पूजा की तैयारी के लिए पांच बच्चियां तालाब गयी थीं। नहा कर तालाब से बालू निकालना था, लेकिन वे सभी गहरे पानी में चली गयीं। चार बच्चियों की मौत हो गयी, एक बच्ची को किसी तरह बचाया जा सका, जिसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पचंबा के बुढ़वाआहर तालाब में हंडाडीह की यह घटना है। पहले एक बच्ची गहरे पानी में चली गयी और अपनी सहेलियों से मदद के लिए चिल्लाने लगी। उसे बचाने एक के बाद एक गयी तीनों बच्चियां भी डूब गयीं। घटना के बाद स्थानीय लोगों के प्रयास से एक बच्ची को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन चार बच्चियां दम तोड़ चुकी थीं। एक बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पचंबा के ग्रामीणों ने बताया कि घटना में संध्या कुमारी, ममता कुमारी, दिव्या कुमारी और सृष्टि कुमारी की मौत हो गयी है। सभी की उम्र 15 से 17 वर्ष बतायी जा रही है, जबकि एक बच्ची पूजा कुमारी घायल है, जिसे स्थानीय अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है। घटना के बाद पूरे इलाके में मातम पसर गया है।
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हेडर-कुड़मी समाज के रेल रोको आंदोलन का असर
हेडिंग-33 ट्रोनों पर असर, रद्द और मार्ग परिवर्तित किये गये
-आज से शुरू हो रहा आंदोलन
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। कुड़मी समाज की ओर से रेल रोको आंदोलन के तीसरे वर्जन की शुरुआत करने की घोषणा का मंगलवार से ही असर दिखना शुरू हो गया है। कुड़मी समाज के लोग झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं। रेल रोको आंदोलन का असर जिन रूटों पर पड़ने जा रहा है, उनमें चलने वाली ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है, या फिर उनके रास्ते परिवर्तित कर दिये गये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे ने 33 ट्रेनों पर असर को देखते हुए को इसे या तो रद्द कर दिया है, या मार्ग परिवर्तित किये गये हैं। आंदोलन को लेकर ट्रेनों का परिचालन कैसे होगा, इसे लेकर मुख्यालय को सूचना दी गयी है।
आंदोलन स्थगित करने का किया है अनुरोध
कुड़मी आंदोलन को लेकर रेलवे अपनी तैयारी में है। झारखंड में रेलवे प्रशासन की तैयारियों की बात करें तो डीआरएम जसमीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि उन्होंने आंदोलनकारी मोर्चा के नेताओं से मिल कर आंदोलन को स्थगित करने का आग्रह किया है। उन्हें कहा है कि उनकी मांगें रेलवे से संबंधित नहीं हैं। आंदोलन से ट्रेनें प्रभावित होंगी और हजारों लोगों को इससे असुविधा होगी। ट्रेन से मरीज, परीक्षार्थी, नौकरीपेशा, व्यवसायी सहित अन्य यात्री यात्रा करते हैं। उन्हें काफी परेशानी होगी।
रेलवे की क्या है तैयारियां
आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। जिन-जिन स्टेशनों पर आंदोलन की संभावना है, वहां आरपीएफ द्वारा विशेष सुरक्षा बल की तैयारी की गयी है। कैंप बना कर जवानों को तैनात किया जायेगा। डीआरएम ने कहा कि जिला प्रशासन से भी संपर्क कर आंदोलन की बाबत सहयोग मांगा गया है। परिचालन की बात करे, तो रांची-लोहरदगा और रांची-बीआइटी सांकी लाइन होते हुए ट्रेन चलाने को लेकर प्रस्ताव मुख्यालय को भेजागया है।
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कुछ महत्वपूर्ण ट्रेन जो रद्द रहेंगी
ट्रेन संख्या 02832 भुवनेश्वर – धनबाद एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 07052 रक्सौल – सिकंदराबाद एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 12876 आनंदविहार – पुरी एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 13404 भागलपुर – रांची एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 15028 गोरखपुर – हटिया एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 15662 कामाख्या – रांची एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 18615 हावड़ा – हटिया एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 18616 हटिया – हावड़ा एक्सप्रेस
ट्रेन संख्या 17007 सिकंदराबाद- दरभंगा एक्सप्रेस