ढाका। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ पांच अगस्त के बाद से 45 दिन में 150 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। हसीना को छात्र और जन विद्रोह के कारण देश छोड़ना पड़ा है। इसके बाद अंतरिम सरकार का गठन किया गया।

ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, पिछले डेढ़ महीने में शेख हसीना के खिलाफ ढाका में 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 140 हत्या और 10 हत्या के प्रयास, धमकी, उत्पीड़न और हमले के आरोप के मामले शामिल हैं। यह सभी मामले ढाका के मजिस्ट्रेट न्यायालयों में दर्ज किए गए हैं। यह मामले 31 थाना क्षेत्रों के हैं।

जतराबाड़ी में कुल 42 मामले, मीरपुर में 24, उत्तरा-पूर्व में 14, सावर में 10, बड्डा में नौ, मोहम्मदपुर और कदमतली में पांच-पांच और रामपुरा में चार मामले दर्ज किए गए हैं। तेजगांव, न्यू मार्केट, अदाबोर, सूत्रपुर, खिलगांव और हातिरझील पुलिस स्टेशनों में तीन-तीन मामले दर्ज किए गए। पल्लबी, बंगशाल, शेर-ए-बांग्ला नगर, बनानी, पलटन, मुगदा और भटारा पुलिस स्टेशनों में दो-दो मामले दर्ज किए गए। आशुलिया, काफरुल, मोतीझील, चौकबाजार, लालबाग, गुलशन, एयरपोर्ट, शाहबाग, धानमंडी और कोतवाली पुलिस स्टेशनों में एक-एक मामला दर्ज किया गया।

हत्या का पहला मामला 13 अगस्त को पंजीकृत

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, शेख हसीना के खिलाफ पहला हत्या का मामला 13 अगस्त को ढाका की एक अदालत में दर्ज किया गया। इसमें कहा गया है कि शेख हसीना और ओबैदुल कादर समेत सात लोगों ने 19 जुलाई को आरक्षण आंदोलन के दौरान मोहम्मदपुर में पुलिस फायरिंग में सहयोग किया। इसमें किराना दुकानदार अबू सईद की हत्या का आरोप है। इसके बाद छह और हत्या के मामले दर्ज किए गए। इनमें शेख हसीना को मुख्य आरोपी बनाया गया है। यह मामले मामले गुरुवार को ढाका के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दर्ज किए गए।

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