पश्चिमी सिंहभूम: कोल्हान के मनोहरपुर में मंईयां सम्मान यात्रा के समापन समारोह में कल्पना सोरेन ने सभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होने हेमंत सरकार की उपलब्धि बताने के साथ ही विपक्ष पर भी जमकर हमला बोला। कार्यक्रम के समापन के बाद कल्पना सोरेन और मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने चाय बनाकर वहां मौजूद लोगों को पिलाई। कल्पना ने चाय बनाने का वीडियो सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हम किचन भी संभालती हैं, हम रण भी संभालती हैंङ्घ।इससे पहले कल्पना ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन ऐसे पहले मुख्यमंत्री है जिन्होने महिलाओं के लिए मंईयां सम्मान योजना लेकर आए है।आज हम लोग अपनी परंपरा, भाषा, पहचान बनाने के लिए लड़ रहे है, हम निरंतर लड़ाई लड़ रहे है हो भाषा को संविधान की आठवीं अनूसूची में शामिल करने के लिए, लेकिन देख लीजिये कैसे केंद्र में लोग बैठे है, दूसरी पार्टी में भी आदिवासी नेता है, दूसरी पार्टी में भी हो नेता है लेकिन हमारी आवाज बढ़ाने के लिए, हमारी भाषा को पहचान देने वाले वहां अपनी बात नहीं रखती। सारंडा का जंगल, किरीबुरू का जंगल आदिवासियों की पहचान है, हम पैसे से संपन्न नहीं है, हम संपन्न है अपनी संस्कृति से, हम संपन्न है अपनी परंपरा और भाषा से, लेकिन हमको उसकी जगह भी नहीं मिलती। अगर केंद्र सरकार को आदिवासियों की इनती चिंता है तो वो जो शहद, मरूआ, अनाज उगाते है उसका सही मूल्य दे। यहां के हरी भरी वादियों को उजाड़ने का काम कौन कर रहा है, छत्तीसगढ़ में हसदेव के जंगल को काट दिया गया, काटकर उसे बर्बाद किया गया। प्रकृति अगर हमपर प्रहार करती है तो ऐसे ही लोगों के मानसिकता के साथ प्रहार करती है, जो जंगल नहीं रहने देना चाहते, वो प्रकृति से लेते है लेकिन बदले में कुछ देना नहीं चाहते है। आज इस मंच से जो लड़ाई हम पहले भी लड़ते आये है, वो आगे भी निरंतर लड़ते रहेंगे,हमारे जल जंगल जमीन, हमारी पहचान ये लोग छीनने का प्रयास कर रहे है।कल्पना सोरेन ने आगे कहा कि यहां जीतने भी लोग है उन्हे लड़ने के लिए तैयार रहना है क्योकि आपके हेमंत दादा वो अकेले लड़ रहा है और उसमें आप लोगों का उन्हे साथ चाहिए। यहां से संकल्प लेकर जाना है कि ये लड़ाई चाहे जीतनी भी लंबी हो लड़नी है। इसबार नारी शक्ति का असली स्वरूप देखने का समय आ गया है। उन्होने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बहुत सारे लोग आजकल आ रहे है, वो कह रहे है कि उसका दर हमारी योजना के दर से ज्यादा होगा, वो भटकाने का प्रयास करेंगे भटकना नहीं है। यही है बहरूपिये, आज दो किस्त जा चुकी है, चेहरों पर खुशियां आ चुकी है, अगर बीजेपी को हमारी आधी आबादी की इतनी चिंता होती तो जो 5 साल की सरकार की बात वो कहते है उसमें आप आधी आबादी के बारे में कैसे भूल गए। आप भूल गए है तो अब झारखंड की महिलाएं तैयार है उस लड़ाई के लिए जो हेमंत सोरन और गठबंधन की सरकार ने निरंतर लड़ रही है, बस आप बहरूपियों से बच कर रहियेगा, इनके चेहरे इनकी बातों में मत फसियेगा, आपने आत्मविश्वास और स्वाभिमान पर विश्वास रखियेगा।