रांची। झारखंड राज्य आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 23 सितंबर को रांची में आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन करने का फैसला किया है। इस संबंध में सीएम हेमंत सोरेन को पत्र भी लिखा है। साथ ही इसकी प्रति रांची जिला प्रशासन के अलावा सभी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, समाज कल्याण निदेशक और सचिव, मुख्य सचिव समेत अन्य को भी दी गयी है। मोर्चा प्रतिनिधियों की ओर से लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि झारखंड राज्य अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में कार्यरत आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका द्वारा अपनी जायज मांगों की प्राप्ति के लिए कई बार मिल कर सीएम को मांग पत्र समर्पित किया गया। इस पर आश्वस्त भी किया गया था कि शीघ्र ही मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जायेगा लेकिन इस पर सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं हुई। फलत: सेविका सहायिका में आक्रोश व्याप्त है। सेविका-सहायिका के आक्रोश को ध्यान रखते हुए झारखंड राज्य के तमाम आंगनबाड़ी कर्मियों के संघों की एक संयुक्त राज्य स्तरीय बैठक 15 सितंबर को महासंघ भवन, रांची में संपन्न हुई। इसमें सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया कि 23 सितंबर को सुबह 10 बजे दादा दादी पार्क, मोरहाबादी मैदान, रांची में सभी एकत्रित होंगे। वहां से कतारबद्ध रूप में शांति पूर्वक मार्च करते हुए सीएम के समक्ष डॉ जाकिर हुसैन पार्क, रांची के पास आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।

मोर्चा की ये हैं 8 सूत्री प्रमुख मांगें
समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी सेवा शर्त नियमावली में आंशिक संशोधन हेतु पूर्व में समर्पित आवेदन पर अविलंब विचार हो। सहायक अध्यापक (पारा शिक्षकों) के समान आंगनबाड़ी सेविका -सहायिका को मानदेय-वेतनमान के साथ सभी सुविधाओं की स्वीकृति दी जाये।
मानदेय का भुगतान केंद्रांश एवं राज्यांश मद की राशि एक साथ ससमय हो। सेवानिवृत्ति के बाद सेविका को 10 लाख एवं सहायिका को 5 लाख एक मुश्त सेवानिवृत्ति का लाभ भुगतान हो। अंतिम मानदेय का 50% पेंशन के रूप में भुगतान की स्वीकृति दी जाये। महिला पर्यवेक्षिका के पद पर शत-प्रतिशत वरीयता के आधार पर आंगनबाड़ी सेविका को प्रोन्नति दी जाये। सर्वोच्च न्यायलय के आदेशानुसार समाज कल्याण के संविदा कर्मियों के बीच व्याप्त मानदेय विसंगति को दूर कर आंगनबाड़ी कर्मियों को भी महंगाई एवं यात्रा भत्ता भुगतान की स्वीकृति दी जाये। ग्रेच्युटी की व्यवस्था की जाये।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version