उत्पाद सिपाही भर्ती: पलामू के युवक की रांची के मेदांता में मौत
अब तक बारह युवकों की मौत, सौ से अधिक अब भी बीमार
रांची। राज्य में उत्पाद सिपाही की नियुक्ति के लिए दौड़ का आयोजन जारी है। यह दौड़ 22 अगस्त से शुरू हुई है और 4 सितंबर तक चलेगी। अब तक कुल एक दर्जन युवाओं की मौत हो गयी है, वहीं एक सौ से अधिक युवा अब भी बीमार हैं। हालांकि दौड़ के समय लगभग तीन सौ अभ्यर्थी बेहोश हो चुके हैं। इधर सोमवार की सुबह पलामू जिले के रहनेवाले दीपक कुमार ने रांची के मेदांता अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके पहले हजारीबाग के पदमा सेंटर में गिरिडीह जिले के रहनेवाले सूरज वर्मा की मौत हो गयी थी। सूरज वर्मा की मौत के पहले 23 अगस्त को मांडू के बलसगरा निवासी महेश प्रसाद की मौत हो गयी थी। अब तक सबसे ज्यादा पांच पलामू के अभ्यर्थियों की मौत हुई है। गिरिडीह में सौ से अधिक अभ्यर्थी बेहोश हुए हैं। हजारीबाग में अब तक एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थी बेहोश हो चुके हैं। साहिबगंज में भी लगभग सौ अभ्यर्थी बेहोश हुए हैं। साहिबगंज में दो अभ्यर्थियों की मौत हुई है। उनमें से एक अभ्यर्थी रांची के नामकुम थाना के रामपुर गांव का रहनेवाला था। उसका नाम विकास मुंडा था और उसकी उम्र 22 साल थी। मुसाबनी में एक अभ्यर्थी की मौत हुई है।
2016 से पहले छह मिनट में 1600 मीटर की दौड़ होती थी
वर्तमान में झारखंड पुलिस और उत्पाद सिपाही के लिए दस किलोमीटर की दौड़ करायी जा रही है। इसके पहले शारीरिक परीक्षा में 1600 मीटर की दौड़ लगानी पड़ती थी, लेकिन साल 2016 में इस नीति में बदलाव किया गया और दस किलोमीटर की दौड़ एक घंटे में पूरा करने का नियम बना। वही नियम अब भी लागू है।
डीजीपी ने कहा- सेंटरों पर मुकम्मल व्यवस्था की गयी है
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने सिपाही बहाली के दौरान हुई मौतों को लेकर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि सभी मृत अभ्यर्थियों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जायेगा। इसके बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले को लेकर गंभीर हैं। इसलिए सभी मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पता किया जा रहा है कि आखिर इतने युवाओं की जान कैसे गयी। इसके पीछे कोई बीमारी, व्यवस्था में कमी या किसी तरह का सेवन तो कारण नहीं है।
उन्होंने कहा कि बहाली की व्यवस्था मुकम्मल तरीके से की गयी है। उन्होंने कहा कि हर सेंटर पर आप व्यवस्था को देख सकते हैं। हर सेंटर पर शौचालय, पानी, ओआरएस, डॉक्टर और नर्स की व्यवस्था है। हमारी कोशिश होती है कि दौड़ सुबह 6 बजे से पहले शुरू हो जाये और 10 बजे तक प्रक्रिया संपन्न हो जाये। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। इसकी वीडियो रिकार्डिंग हो रही है। लेकिन हमें दुख है कि हमारे कई नौजवानों की जान चली गयी है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।