पाकुड़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राज्य सरकार पर बरसे
-पार्टी की जन आक्रोश रैली में हुए शामिल
पाकुड़ (आजाद सिपाही)। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस प्रकार से संथाल परगना से लेकर पूरे झारखंड में आदिवासियों की आबादी लगातार घट रही है, वह अलार्मिंग सिचुएशन है। हालत यह है कि संथाल में आदिवासियों की 44 से घट कर 28 फीसदी आबादी हो गयी है। अगर यही रफ्तार रही, तो एक दिन ऐसा भी आयेगा कि संथाल परगना में आदिवासी नहीं रह जायेंगे। हालत यह होगी कि यहां संथाली-पहाड़िया ही नहीं रह जायेंगे, जिसके नाम से यह संथाल परगना बनाया गया। बाबूलाल शुक्रवार को पाकुड़ में पार्टी द्वारा आयोजित जन आक्रोश रैली में बोल रहे थे।

सरकार आबादी घटने पर कुछ नहीं बोल रही:
बाबूलाल ने कहा कि आदिवासियों की आखिर लगातार आबादी घटने का क्या कारण है। इसकी जांच होनी चाहिए। सरकार इस मुद्दे पर कुछ नही बोलना चाहती है और ना ही सरकार इसकी चिंता करती है। इस मामले को लेकर हाइकोर्ट में भी केस चल रहा है। भारत सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया है, जिसमें भारत सरकार ने भी माना है कि संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी कम हुई है। क्षेत्र में आदिवासियों की 16 फीसदी आबादी कम हुई है। क्योंकि बंगाल और बांग्लादेश से बड़ी तादाद में घुसपैठ हुई है। प्रदेश की सरकार इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं है। हमने कहा कि जांच होनी चाहिए। जांच होगी तो पता चलेगा कि बाहर से बांग्लादेश से आकर घुसपैठ की गयी है।

हेमंत सरकार में गुंडों-बदमाशों की चलती है:
बाबूलाल ने कहा कि पाकुड़ में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा आये तो उन्हें गोपीनाथपुर गांव इसलिए जाने नहीं दिया कि उन्हें सुरक्षा नहीं दे पायेंगे। इससे साफ समझ में आ रहा है कि यहां गुंडों-बदमाशों की कितना चलती है। उन्होंने कहा कि तारानगर गांव में हिंदू परिवार पर हमला हुआ और कई लोग गांव छोड़ कर भाग गये और आज तक वापस नहीं लौटे हैं। आज राज्य को हेमंत सरकार ने खुद अशांत कर रखा है और यदि कोई इस सरकार के विरुद्ध आवाज उठाता है, तो उस पर तरह-तरह के केस दर्ज किये जा रहे हैं।

झामुमो-कांग्रेस के लोग परिवार और पैसे के लिए काम करते हैं
भाजापा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में आदिवासियों को लेकर लोग राजनीति करते हैं। झामुमो और कंग्रेस के लोग बस अपने परिवार के लिए काम करते हैं। पैसे के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि याद करें, हमने कहा था कि हमारी सरकार बनेगी, तो अलग राज्य देंगे। 1998-99 में देश में वाजपेयी जी के नेतृत्व में सरकार बनी, तो 15 नवंबर 2000 को अलग झारखंड राज्य बना। भाजपा जो कहती है, वह करती है। कांग्रेस ने वर्षों शासन किया, लेकिन अलग राज्य और आदिवासियों के हितों के लिए कुछ नहीं किया। दरअसल उनको यहां के लोगों की तकलीफ से कोई मतलब नहीं है। वो सिर्फ वोट के लिए राजनीति करते हैं।

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