विशेष
तीसरे कार्यकाल के पहले दौरे में दिखा मोदी का झारखंड प्रेम
प्रदेश के लोगों में भी मोदी को लेकर अलग किस्म का उत्साह है
पीएम के रूप में मोदी की सबसे लंबी सड़क यात्रा का गवाह बना यह दौरा

नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 सितंबर को रांची और जमशेदपुर के दौरे पर थे। अपने तीसरे कार्यकाल के पहले झारखंड दौरे को लेकर पीएम मोदी और भाजपा के नेता-कार्यकर्ता जहां बेहद उत्साहित थे, वहीं जमशेदपुर के लोगों में भी अलग किस्म का उत्साह था। खराब मौसम ने पीएम मोदी की इस यात्रा के उत्साह को ठंडा करने की कोशिश जरूर की, लेकिन पीएम मोदी का झारखंड के प्रति प्रेम के कारण ऐसा कर नहीं सकी। खराब मौसम के कारण भी पीएम मोदी का यह दौरा ऐतिहासिक बन गया, क्योंकि उन्होंने देश में अब तक की सबसे लंबी सड़क यात्रा की। इसमें सौ तरह की बाधाएं थीं, सुरक्षा संबंधी तामझाम की कमी थी, लेकिन पीएम मोदी ने रांची से जमशेदपुर की 140 किलोमीटर लंबी यात्रा सड़क मार्ग से कर दिखा दिया कि झारखंड उनके दिल के कितने करीब है। पहले रांची में दो घंटे तक समय बिताना और फिर सड़क मार्ग से जमशेदपुर जाने का उनका फैसला साबित करता है कि वह अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति कितने प्रतिबद्ध हैं। इतना ही नहीं, जमशेदपुर के गोपाल मैदान में भारी बारिश के बीच पीएम मोदी ने जिस तरह लोगों को संबोधित किया, उससे यह भी साबित हुआ कि झारखंड के लोग प्रधानमंत्री मोदी से कितना प्यार करते हैं और उनकी एक झलक पाने, उनकी बातें सुनने के लिए हर कीमत अदा करने के लिए तैयार रहते हैं। पीएम की सभा के लिए बनाये गये पंडाल के अलावा बाहर में छाता लगाये जिस तरह से बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं की भीड़ देखी गयी, यह दर्शा रहा था कि मोदी के प्रति लोगों में आज भी कैसी दीवानगी है। कैसा था पीएम मोदी के दौरे के दौरान झारखंड का माहौल और खराब मौसम के बावजूद जमशेदपुर की जनसभा का क्या हो सकता है असर, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश भर के लोगों, खास कर झारखंड के लोगों का जो रिश्ता है, वह बड़ा ही अद्भुत है। शुरूआत करते हैं रांची से। रांची के खेलगांव में प्रेस क्लब का फुटबॉल मैच चल रहा था। सुबह साढ़े आठ बजे मैच शुरू हुआ और खत्म होते-होते 9:20 हो गये। मैं मैच खेल रहा था। लेकिन मुझे पीएम का प्रोग्राम कवर करने जमशेदपुर भी जाना था। मैं लेट हो चुका था। फिर भी ग्राउंड पर ही कपड़ा बदल कर मैं जमशेदपुर के लिए निकल पड़ा। पता चला कि पीएम 9:40 बजे रांची एयरपोर्ट पर पहुंच चुके थे। वहां से हेलीकॉप्टर से उन्हें जमशेदपुर जाना था। खबर आयी कि पीएम का पहला प्रोग्राम यानी जमशेदपुर स्टेशन और रोड शो का प्रोग्राम कैंसिल हो गया है। पीएम ने रांची एयरपोर्ट से ही आॅनलाइन माध्यम से वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन कर दिया। मैं उस वक्त तक नामकुम पार कर रामपुर पहुंच चुका था। मैंने कई पत्रकारों से बात की कि क्या पीएम का जमशेदपुर का शेड्यूल कैंसिल हो गया है। बहुतों का कहना था कि कैंसिल ही समझिये। मुझे लगा कि रोड शो कैंसिल हो सकता है, लेकिन सभा का कैंसिल होना कितना उचित होगा। चूंकि बहुत दूर-दूर से समर्थकों का जुटान होना था। वे सभी निराश हो जाते। मैं जमशेदपुर की तरफ बढ़ा जा रहा था। यकीन था कि सभा कैंसिल नहीं होगी। तभी हाइवे पर गतिविधि दिखने लगी। सीआरपीएफ के जवान अचानक तैनात होने लगे। ग्रामीण एसपी की गाड़ी भी दिखी। प्रशासन मुस्तैद हो रहा था। मुझे लगा कि पीएम कहीं सड़क मार्ग से तो नहीं आनेवाले हैं। मैंने सूचना कन्फर्म की। थोड़ी देर में पता चला कि पीएम सड़क मार्ग से जमशेदपुर पहुंचेंगे। हाइवे पर सड़क मरम्मत करने वाले वाहन भी दिखाई देने लगे। यानी गड्ढे भरने का काम भी इतने कम समय में शुरू हो गया। मैंने सहयोगियों से कहा कि अगर पीएम सड़क मार्ग से पूरा झारखंड घूम लें, तो सभी सड़कें तय सीमा से पहले ही दुरूस्त हो जायेंगी।

खैर, 140 किलोमीटर लंबे रांची-टाटा हाइवे पर कई सिक्योरिटी पड़ाव को पार कर आजाद सिपाही की टीम जमशेदपुर के गोपाल मैदान पहुंची। लेकिन वहां का नजारा देख मेरी आंखें दंग रह गयीं। भारी बारिश, दूर-दूर तक छतरी ही छतरी और उसको पकड़े कोल्हान की जनता। इनमें दुधमुंहे बच्चे तक शामिल थे। सच में जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान और पीएम मोदी को देखने-सुनने का लोगों का उत्साह देखने योग्य था। भारी बारिश में भी लोगों की भीड़ देखते ही बन रही थी। पीएम की एक झलक पाने के लिए लोग घंटों भीग कर डटे हुए थे। चारों तरफ छतरी और लोग ही लोग। छतरी के नीचे लोग, पीएम मोदी के प्रति उनका प्यार, उनके अरमान और भारी बारिश के बीच जैसे एक संघर्ष चल रहा था। दूसरी तरफ पीएम मोदी भी लोगों के इस प्यार को जैसे पूरी शिद्दत से महसूस कर रहे थे और करीब दो घंटे तक रांची हवाई अड्डे पर रुकने के बाद उन्होंने पीएम के रूप में अपनी सबसे लंबी सड़क यात्रा करने का फैसला कर लिया। संयोग से उन्होंने इसके लिए भी झारखंड को ही चुना, जैसे अपने पहले कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरूआत के लिए इस राज्य को चुना था। लगातार बारिश और धुंध के बीच पीएम का इतना लंबा रास्ता सड़क मार्ग से तय करने का निश्चय उनकी लोगों के प्रति प्रतिबद्धता को ही दर्शाता है।

बारिश हार गयी, लोगों का जज्बा जीत गया
प्रकृति और लोगों के बीच जारी संघर्ष में आज बारिश हार गयी और लोगों का जज्बा जीत गया। सिर से लेकर पांव तक लोग भीगे हुए थे। जैसे ही कोई प्रशासनिक गाड़ी का सायरन बजता, सड़क किनारे लोगों का उत्साह और जोश परवान चढ़ जाता। ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगने शुरू हो जाते। जितनी भीड़ सभास्थल के पंडाल के अंदर थी, उससे अधिक मैदान और सड़क पर थी। छोटे-छोटे बच्चे भी मोदी को देखने के लिए आये हुए थे। महिलाओं का हुजूम देखते बन रहा था। भारी बारिश में भी दुधमुंहे बच्चों को लेकर वे सभा में पहुंची हुई थीं। युवाओं का भी जोश देखते ही बन रहा था। उनका कहना था कि देश के पीएम आ रहे हैं, उनके लिए बारिश क्या, आंधियों से भी टकरा जायेंगे।

पूरा वातावरण मोदीमय हो गया
जैसे ही मोदी का काफिला गोपाल मैदान पहुंचा, वहां की जनता में अलग सा जोश आ गया। पूरा वातावरण मोदीमय हो गया। लोगों के चेहरों पर खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोग कह रहे थे, मैंने मोदी को देख लिया। मोदी ने हाथ हिलाया। मोदी के आने से जनता में जो खुशी की लहर दिखी, उसका अनुमान शायद मोदी को भी नहीं होगा। लेकिन मोदी भी मोदी हैं। उन्होंने कोल्हान की जनता को निराश नहीं होने दिया। उन्होंने सड़क मार्ग से 140 किलोमीटर की दूरी तय कर जनता का दिल जीत लिया। उन्होंने आते ही मंच से कहा कि मैं आपके दर्शन के बिना वापस कैसे जा सकता था। यह सुन कोल्हान की जनता भी भावुक हो गयी। मोदी की लोकप्रियता के सामने मूसलाधार बारिश की गति फीकी हो गयी। जीत मोदी और आम जनता की हुई। मोदी के झारखंड के प्रति प्रेम की हुई। जीत कोल्हान की जनता की हुई, जिनका प्रेम मोदी को सड़क मार्ग से जमशेदपुर आने को विवश कर गया।

झारखंड के प्रति अपने प्रेम को साबित कर गये मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरे में झारखंड के प्रति अपने प्रेम को एक बार फिर साबित कर दिया। अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा भी कि बारिश कितनी ही तेज क्यों न हो, रुकावटें कितनी ही ज्यादा क्यों न हों, लेकिन कोई भी रुकावट मुझे आपसे अलग नहीं कर सकती है। पीएम ने कहा, मैं आपके दर्शन किये बिना वापस नहीं जा सकता हूं, इसलिए सड़क मार्ग से ही आप सबके दर्शन करने पहुंच गया। क्रांति और बलिदानों की ये धरती, भगवान बिरसा मुंडा के तप, त्याग और आशीर्वाद की ये धरती… मैं झारखंड की इस महान धरती को प्रणाम करता हूं। उन्होंने कहा, आज करमा पूजा की उमंग के बीच यहां आने से पहले मुझे झारखंड को विकास की कई बड़ी सौगात देने का सौभाग्य भी मिला। मैं आप सबको करमा पर्व की बधाई देता हूं। आज झारखंड के हजारों गरीबों को पीएम आवास योजना के जरिये पक्के घर भी मिले हैं। इनमें से ज्यादातर घर मेरी माताओं-बहनों के नाम पर हैं। आज आपका ये भाई करमा पर्व के अवसर पर अपनी बहनों को अपने पक्के घर का उपहार देकर धन्य हो गया है।

जब पीएम मोदी का भाषण चल रहा था, तब भी भारी बारिश के बीच लोग छतरी लिये उन्हें सुन रहे थे। कुछ तो भीग कर उनका भाषण सुन रहे थे। टीएमएच अस्पताल के कई डॉक्टर और नर्स भी छतरी लेकर मोदी का भाषण सुन रहे थे। भीड़ देख लगा, गोपाल मैदान में मानो मिली जमशेदपुर उमड़ आया हो। सभा समाप्त होने के बाद भाजपा के नेता खुशी का इजहार कर रहे थे। एक समय तो उन्हें भी लगा था कि बारिश के कारण शायद मोदी का कार्यक्रम रद्द हो जाये, लेकिन जैसे ही उन्हें प्रधानमंत्री के सड़क मार्ग से आने की सूचना मिली, उनके चेहरे चमक उठे। जाहिर है, चुनावी समय में मोदी की यह पहली सभा थी। अगर किन्हीं कारणों से यह कैंसिल हो जाती, तो विरोधियों को राजनीतिक वार करने का मौका मिल जाता। वैसे कुछ विरोधी सुबह से ही बारिश होने के कारण जश्न मना रहे थे। वे तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे थे। शायद वे यह भूल रहे थे कि मौसम खराब होने के कारण किसी की भी सभा रद्द हो सकती है। कई बार तो सीएम और राजीव गांधी तक की सभा पहले कैंसिल हो चुकी है, लेकिन जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि मोदी सड़क मार्ग से निकल चुके हैं, उन्होंने अपना विषय बदल लिया।

 

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version