उत्पाद सिपाही भर्ती में जान गंवा चुके अजय मेहता के परिजनों से मिले बाबूलाल, सौंपी एक लाख की सहायता राशि
-घायल अभ्यर्थियों के इलाज में बरती गयी लापरवाही भी मौत का कारण बनी
-राज्य सरकार के मुखिया को मृतकों के परिजनों से मिलने का समय नहीं
-50 लाख रुपये मुआवजा और आश्रित को सरकारी नौकरी दे राज्य सरकार
रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ओरमांझी के जिराबर गांव में मृतक अजय कुमार महतो के परिजनों से की मुलाकात की। इस दौरान बाबूलाल मरांडी ने अजय कुमार महतो की मौत पर दुख जताया और परिवार को सांत्वना दी। इस मौके पर उन्होंने परिजनों को एक लाख रुपये की सहायता राशि भी सौंपी। अजय कुमार महतो ने चियांकी हवाई अड्डे पर आयोजित उत्पाद सिपाही भर्ती में दौड़ में सफलता पा ली थी। लेकिन उसके बाद उसकी बतीयत बिगड़ गयी। उसे रांची के रिम्स लाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।

भाजपा ने दिये एक लाख रुपये की सहायता राशि
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को उत्पाद सिपाही दौड़ में शामिल मृतक स्व अजय कुमार महतो के परिजनों से उनके ओरमांझी प्रखंड स्थित जिराबार गांव स्थित घर पर मुलाकात की। साथ में प्रदेश महामंत्री एवं सांसद आदित्य साहू भी उपस्थित थे।
श्री मरांडी ने असामयिक मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। परिजनों को ढांढ़स बंधाया और मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। श्री मरांडी ने परिजनों को प्रदेश भाजपा की ओर से एक लाख रुपये की सहायता राशि भी दी। श्री मरांडी ने राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह संवेदनहीन सरकार है। युवाओं की मौत हो रही और सरकार निश्चिंत है। परिजनों की सुध लेने की भी राज्य सरकार को फुर्सत नहीं।

श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार ने उत्पाद सिपाही की दौड़ में जिस प्रकार से नियमों का उल्लंघन किया, वह अभ्यर्थियों नौजवानों की मौत का कारण बन रही है। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नही की गयी। लंबी यात्रा करके नौजवान सेंटर पर पहुंचे। रात भर जाग कर लाइन में लगे और सुबह में धूप में उन्हें दौड़ाया गया।

उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर नौजवानों के स्वास्थ्य पर पड़ा। ऐसे में स्वाभाविक है कि नींद पूरी नहीं होने से ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। शरीर की कार्य क्षमता घटती है। फिर भी अभ्यर्थी दौड़ने को मजबूर हुए।

उन्होंने कहा कि जहां तक नियमावली की बात हैं, 2018 की बहाली नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि दौड़ के पहले अभ्यर्थियों की लिखित और शारीरिक जांच परीक्षा हो। जो इसमें सफल हों, उन्हीं को दौड़ में शामिल किया जाये, लेकिन हेमंत सरकार ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने कहा कि एक घंटा में 10 किलोमीटर की दौड़ उत्पाद विभाग के सिपाही के लिए अव्यावहारिक है। इतनी अनिवार्यता तो सेना की बहाली में भी नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्व अजय कुमार महतो के इलाज में भी लापरवाही बरती गयी। दौड़ में बेहोश हो जाने की स्थिति में परिजनों को सूचित किया गया। पिता बेटे से मिलने पहुंचे। लातेहार में बेटे को देखा। उन्होंने कहा कि बेटे को उन्हें सौंप दिया जाये, ताकि वह प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज करा सकें, लेकिन बेटे को नहीं दिया गया। उनका कहना था कि जब वह बेटे से मिले, तो बेटा मुंह से पानी पी रहा था। जब बेटा रिम्स पहुंचा, तो देखा कि उल्टे उन्हें फुड पाइप के द्वारा नाक से रिम्स में भोजन दिया गया, जबकि बेटा बोल रहा था और खाने और पीने में सक्षम था। इस प्रकार इलाज में भी लापरवाही बरती गयी। श्री मरांडी ने कहा कि इस मौत के लिए पूरी तरह राज्य सरकार जिम्मेवार है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अविलंब मृतकों के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा की मुआवजा राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये।

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