रांची। झारखंड की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को प्रेस वार्ता कर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। मरांडी ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की हत्या को पुलिस “एनकाउंटर” बताकर सच छिपा रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि खनन माफियाओं और सत्ता संरक्षित तंत्र ने मिलकर उन्हें रास्ते से हटाया। इसके साथ ही नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर भी सरकार पर आदिवासी विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया।
मरांडी ने घोषणा की कि इन दोनों मुद्दों पर भाजपा 11 सितंबर 2025 को राज्य के सभी 216 प्रखंड मुख्यालयों में प्रदर्शन करेगी और राज्यपाल के नाम ज्ञापन बीडीओ को सौंपेगी। उन्होंने कहा— “हेमंत सरकार में सबसे अधिक गरीब आदिवासी लूटे-पीटे जा रहे हैं। सूर्या हांसदा को माफिया और दलालों ने सुनियोजित तरीके से मारा और अब सरकार इसे एनकाउंटर बताकर बचाव कर रही है।”
सूर्या हांसदा की पृष्ठभूमि
मरांडी के मुताबिक, सूर्या हांसदा बोरियो विधानसभा से चार बार चुनाव लड़ चुके थे और क्षेत्र में सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय थे। वे कोयला और पत्थर खनन में फैले अवैध कारोबार के खिलाफ मुखर थे तथा 250 से अधिक आदिवासी बच्चों को शिक्षा और आवास उपलब्ध कराने का काम करते थे। मरांडी का आरोप है कि इन्हीं वजहों से वे अवैध खनन माफिया और उनके राजनीतिक संरक्षणकर्ताओं के निशाने पर आए।
नगड़ी की जमीन पर संघर्ष
नगड़ी (रांची) में रिम्स-2 निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण का स्थानीय रैयत लगातार विरोध कर रहे हैं। मरांडी ने दावा किया कि यह वही जमीन है जिसे 1950 के दशक में सरकार ने अधिग्रहित करने की कोशिश की थी, लेकिन किसानों के विरोध के कारण समझौता कर पीछे हटना पड़ा था। उन्होंने कहा कि “रैयत अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं, हाल ही में उन्होंने कंटीले तार हटाकर हल भी चलाया। सरकार जबरन जमीन छीनना चाहती है।”