चाईबासा। चाईबासा के तांबो चौक में सोमवार की रात हुए हिंसक संघर्ष के बाद अब पूरे कोलहान क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। घटना की निंदा करते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन ने बुधवार 29 अक्टूबर को कोलहान बंद का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही और जनता की आवाज को दबाने की कोशिश ने हालात को इस कदर बिगाड़ दिया कि चाईबासा की सड़कों पर शांति के बजाय आग और धुआं नजर आने लगा।
दरअसल, सोमवार को दिन में ग्रामीणों का नो-एंट्री आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। ग्रामीणों की मांग थी कि दिन के समय एनएच-220 और चाईबासा बाईपास से भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इनकी तेज रफ्तार के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं। लेकिन देर रात स्थिति तब बिगड़ गई जब पुलिस ने धरना स्थल से ग्रामीणों को हटाने की कोशिश की। इसके बाद माहौल अचानक बेकाबू हो गया — पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प, पथराव, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले तक की नौबत आ गई।
इस हिंसक झड़प में कई लोग घायल हुए, वहीं सदर एसडीपीओ बाहमन टूटी की स्कॉर्पियो गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई। देर रात तक पुलिस ने मशक्कत कर हालात पर काबू पाया, लेकिन तांबो चौक और आसपास के इलाकों में तनाव मंगलवार सुबह तक बना रहा। सड़कों पर बिखरे पत्थर, टूटे डंडे और क्षतिग्रस्त वाहन रात की हिंसा की गवाही दे रहे थे। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी आवाज वर्षों से अनसुनी की जा रही है। उन्होंने कहा कि “अगर प्रशासन ने पहले ही हमारी मांगों पर ध्यान दिया होता, तो यह नौबत नहीं आती।”
इस बीच, चंपाई सोरेन ने कहा कि “यह आंदोलन जनता के हक की लड़ाई है। जनता पर लाठीचार्ज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।” कोलहान बंद की घोषणा के बाद पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड में है।

