– आईआईटी कानपुर में ‘समन्वय’ कार्यक्रम का मुख्यमंत्री ने किया उदघाटन
– डीप टेक भारत पर एक प्रभावशाली समिट हाेने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री
कानपुर। आईआईटी कानपुर के ‘समन्वय’ से उद्योग-अकादमिक जुड़ाव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीप टेक को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश को “भारत डीप टेक 2025” का केंद्र बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। इसके लिए डीप टेक पर एक प्रभावशाली समिट आयोजित करने की आवश्यकता है, जिससे रिसर्च और नवाचार को नई दिशा मिल सके। आईआईटी कानपुर को डीप टेक इनोवेशन का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ बुधवार काे कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के ‘समन्वय’ से उद्योग-अकादमिक जुड़ाव कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद संबाेधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग भारत का पहला ‘डीप टेक भारत 2025’ बनने की ओर आगे बढ़ें, इसके लिए एक अच्छा शिखर सम्मेलन (समिट) होना चाहिए, जहां डीप टेक भारत को लेकर ठोस कार्य किया जा सके। आईआईटी कानपुर को इसका केंद्र बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और युवाओं को वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने पर विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि उत्तर प्रदेश आने वाले समय में तकनीकी क्रांति का अग्रदूत बन सके।
उन्होंने कहा कि गौतमबुद्ध नगर जनपद में इसके लिए प्रदेश सरकार ने भूमि भी आवंटित की गई है। उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगा कि आईआईटी कानपुर इसका नेतृत्व करे, ताकि यह पूरे देश को आज की चुनौतियों की दिशा में नई लीडरशिप देने में सक्षम हो। आईआईटी कानपुर में यह क्षमता है कि युवाओं के मन में जो आशंका है, उसे दूर किया जा सके। इसके लिए डीआरडीओ, इसरो और अन्य संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि डीप टेक का तात्पर्य ऐसी नई उन्नत प्रौद्योगिकियों से है, जो वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग के नवाचारों पर आधारित है। इनमें एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव प्रौद्योगिकी और रोबोटिक्स आदि शामिल हैं, जिनका उद्देश्य जटिल सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को हल करना है। राष्ट्रीय डीप टेक स्टार्टअप नीति (एनडीटीएसपी) पहले से ही इस पर कार्य कर रही है।