पलामू। जिले का प्रमुख प्रशासनिक केंद्र हुसैनाबाद अनुमंडल कार्यालय इन दिनों बदहाली का शिकार है। यह कार्यालय, जहां रोजाना हजारों लोग सरकारी कामकाज के लिए पहुंचते हैं, खुद जर्जर हालत में है। बरसात के मौसम में कार्यालय की छतें टपकती हैं और कमरे सीलन से भरे रहते हैं, जिससे कर्मचारी और आम लोग असुरक्षित महसूस करते हैं।
जानकारी के अनुसार, भवन की मरम्मत के लिए अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा कई बार पत्राचार किया गया। 30 दिसंबर 2022 को भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता द्वारा 1.50 करोड़ रुपये (₹1,50,88,300/-) की अनुमानित लागत पर तकनीकी स्वीकृति भी प्रदान की गई थी। बावजूद इसके, दो वर्षों बाद भी मरम्मती कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
समाजसेवी मिथिलेश सिंह, विनोद सिंह और पंचम खान समेत अन्य लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब बजट और स्वीकृति मिल चुकी है, तो कार्य में देरी क्यों? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या जनता की मूलभूत सुविधाओं को यूं ही नजरअंदाज किया जाएगा?
यह मामला सरकारी तंत्र की लापरवाही और निर्णय प्रक्रिया में सुस्ती का जीता-जागता उदाहरण है। अब देखना है कि विभाग कब चेतता है और इस जर्जर भवन का नवीनीकरण कार्य कब धरातल पर उतरता है।
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