32 साल की सजा काट रहा था उदय, डॉक्टरों और उद्योगपतियों के अपहरण में रहा है शामिल
पूर्वी चंपारण। नेपाल में चल रहे जेन-जी आंदोलन के दौरान देश के इतिहास की सबसे बड़ी जेल ब्रेक घटनाओं में से एक सामने आई है। नेपाल के रसुआ जेल से कई कुख्यात अपराधी फरार हो गए हैं, जिनमें सबसे खतरनाक नाम अंडरवर्ल्ड डॉन उदय सेठ्ठी का है। उदय अपहरण, रंगदारी और हत्या जैसे संगीन अपराधों में संलिप्त रहा है और नेपाल की अदालत ने उसे 32 साल की सजा सुनाई थी।

मूल रूप से मुंबई निवासी उदय सेठ्ठी नेपाल में 2010 तक एक बड़े अपराध नेटवर्क का संचालन करता था। वह नेपाल में रहकर अमर टंडन, प्रह्लाद महंत, विष्णु जिसी, बुढाथो की, विकास कार्की, सोल्टी उर्फ टासी गुरुंग, विनोद कार्की और अनिल गुरुंग जैसे अपराधियों के साथ मिलकर डॉक्टरों, व्यापारियों और उद्योगपतियों को अगवा कर फिरौती वसूलता था।

नेपाल के पत्रकार कुमार अखिल ने बताया कि उदय का गिरोह कई बड़े उद्योगपतियों को अपना निशाना बना चुका है। उस पर ओमकार भट्टचन, पशुपति पेंट्स के मालिक महेश मुरारका, शिव सरावगी, सुमीत शेरचन, पवन अग्रवाल, उमेश गर्ग, दिलीप अग्रवाल, ईश्वरदत्त पांडे और टिकाराम अर्याल जैसे प्रतिष्ठित लोगों के अपहरण का आरोप है।

उदय को शुरुआत में नख्खु जेल में रखा गया था, लेकिन वहां लगातार गैंगवार और दबदबा कायम करने की उसकी कोशिशों के चलते उसे रसुआ जेल शिफ्ट किया गया था। पत्रकार विकास गुरूंग के अनुसार, यह व्यक्ति नेपाल के सबसे खतरनाक गैंग को लीड करता था और उसका नेटवर्क नेपाल के अलावा भारत में भी फैला हुआ है।

रसुआ जेल ब्रेक के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। माना जा रहा है कि उदय अब नेपाल से भागकर भारत में शरण लेने की फिराक में है, क्योंकि उसके कई साथी पहले से ही भारत में छिपे हुए हैं। उसका करीबी सहयोगी अमर टंडन भी भारत में सक्रिय बताया जा रहा है।

इस पूरे मामले को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। एसएसबी और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी भी हाल में ऐसे अपराधियों की भारत में घुसपैठ न हो सके।

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