जिनिवा: पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का ‘केंद्र’ बताते हुए भारत ने पाकिस्तान को ‘रिवाज के अनुसार’ दूसरे जगहों पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाने के बजाय अपनी समस्याओं का समाधान करने और आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की नसीहत दी। आईपीयू के 135 वें असेंबली सत्र में आम बहस के दौरान पाकिस्तान के कश्मीर मुद्दे को उठाने के बाद जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और यह ‘अनंतकाल’ तक भारत का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा।
लोकसभा सदस्य आरके सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान के भारत के जम्मू कश्मीर राज्य से संबंधित आंतरिक मामलों के बारे में प्रवृत्तिगत उल्लेख करके इस महत्वपूर्ण निकाय का दुरपयोग करने पर हम गंभीर खेद प्रकट करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पाकिस्तान को बिल्कुल साफ करने दें कि समूचा जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और अनंतकाल तक ऐसा बना रहेगा।
जम्मू कश्मीर के लोग केंद्रीय और राज्य स्तरों पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सक्रिय भागीदार हैं।’’ उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात के लिए ‘बुनियादी कारण’ पाकिस्तान से प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद मानवाधिकारों का गंभीरतम उल्लंघन है और पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र होने का गौरव हासिल है। दरअसल यह वैश्विक आतंकवाद की जननी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय तौर पर प्रतिबंधित आतंकवादी और आतंकवादी समूह दंडाभाव के बिना पाकिस्तान में खुला घूम रहे हैं जबकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहायता के रूप में मिलने वाले अरबों डॉलर को वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के प्रसार के लिए भेजने में व्यस्त है।“