असम के प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को फ्री में खादी के दो जोड़ी कपड़े दिए जाएंगे। प्रत्येक सरकारी कर्मचारी को इन कपड़ों को महीने में कम से कम एक दिन पहनना होगा। असम के असम के शिक्षा,स्वास्थ्य, वित्त एवं पर्यटन मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गांधी जयंती पर आयोजित समारोह केदौरान यह घोषणा की। कार्यक्रम का आयोजन असम खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज बोर्ड ने किया। इस मौके पर सरमा ने कहा कि खादी को आदत बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को खादी के दो जोड़ी कपड़े दिए जाने पर कुल 12 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
सभी कर्मचारियों को 14 अप्रेल को खादी के व दिए जाएंगे। सरकार खादी की स्कूल यूनिफॉर्म करने पर विचार कर रही है। असम विधानसभा ने हाल ही में असम कर्मचारी अभिभाव जवाबदेही एवं निगरानी विधेयक 2017 पारित किया था। बिल के प्रावधानों के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों के लिए ये जरूरी होगा कि वे अपने अभिभावकों और दिव्यांग भाई बहनों की सही तरीके से देखभाल करें। अगर कोई सरकारी कर्मचारी ऐसा नहीं करता है तो सरकार उसकी सैलरी में से हर महीने 10 फीसदी रकम काट ली जाएगी। यह पैसा उस कर्मचारी के माता पिता या दिव्यांग भाई बहनों पर खर्च होगा। इस तरह का कानून बनाने वाला असम देश का पहला राज्य है। असम विधानसभा ने हाल ही में जनसंख्या नीति को भी पारित किया है। नई जनसंख्या नीति के तहत कोई भी जिसके दो से ज्यादा बच्चे हैं वह पंचायत या अन्य स्थानीय निकाय चुनावों के लिए न तो नोमिनेट किया जा सकता है और न ही चुनाव लड़ सकता है।
साथ ही ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी भी नहीं मिलेगी। जनसंख्या नीति को पारित करने के बाद असम सरकारी कर्मचारियों के लिए दो बच्चों वाली नीति को लागू करने वाला देश का 12 वां राज्य बन गया है। असम में शादी की कानूनी उम्र का उल्लंघन करने वाले असम सरकार की नौकरियों के लिए पात्र नहीं होंगे। असम की जनसंख्या एवं महिला सशक्तिकरण नीति में यह प्रावधान है। पॉलिसी कहती है कि पुरुष और महिला दोनों जो शादी की कानूनी उम्र का उल्लंघन करते हैं वे न तो किसी रोजगार के लिए पात्र होंगे और न ही सरकार की रोजगार सृजन नीतियों के योग्य होंगे। जिन उम्मीदवारों के दो बच्चे होंगे वे ही सरकार में रोजगार के लिए पात्र होंगे।