Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, May 11
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»रोचक पोस्ट»इच्छामृत्यु: सुप्रीम कोर्ट से सरकार ने कहा, अगर मंजूरी दी तो होगा दुरुपयोग
    रोचक पोस्ट

    इच्छामृत्यु: सुप्रीम कोर्ट से सरकार ने कहा, अगर मंजूरी दी तो होगा दुरुपयोग

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीOctober 10, 2017No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    इच्छामृत्यु के मामले की सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसका विरोध किया है। आपको बता दें कि एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि संविधान के आर्टिकल 21 के तहत जिस तरह नागरिकों को जीने का अधिकार दिया गया है उसी तरह उसे मरने का भी अधिकार है।

    चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष केन्द्र सरकार ने कहा कि अगर इच्छा मृत्यु को मंजूरी दी गई तो इसका बहुत दुरुपयोग हो सकता है। इस बेंच में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एके सिकरी, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ और अशोक भवन भी हैं। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी इस मामले में सुनवाई जारी रहेगी।

    आपको बता दे कि फरवरी 2014 में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी, जिसमें एक गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति जो कि डॉक्टर्स के मुताबिक अब कभी ठीक नहीं हो सकता, उसके लिए इच्छामृत्यु या दया मृत्यु की अपील की गई थी। कोर्ट में याचिका लगाने वाली एनजीओ ने दलीली दी कि ‘गरिमा के साथ मरने का अधिकार’ ‘यानी राइट टू डाय विथ डिग्निटी’ भी होनी चाहिए।

    सुप्रीम कोर्ट ने 25 फरवरी, 2015 को यह मामला संविधान पीठ के पास भेज दिया था। इसके अलावा संविधान पीठ कल्पना मेहता बनाम भारत सरकार, स्टेट ऑफ झारखंड बनाम हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी बनाम पुष्पा और अन्य से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleधिक्कार रैली निकालकर केंद्र और राज्य का जताया विरोध
    Next Article डोनाल्ड ट्रंप ने बताया, उत्तर कोरिया के पास कैसे बना लिए परमाणु हथियार
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    मंगलवार शाम आसमान में दिखेगा अद्भुत नजारा, दो ग्रहों-दो तारों के साथ होगा चांद का मिलन

    May 22, 2023

    44000 kmph से ज्यादा स्पीड पर धरती के पास आ रहा 31 फीट का चट्टानी गोला

    May 11, 2023

    (रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पुण्यतिथि पर विशेष) सिंहासन खाली करो कि जनता आती है…

    April 23, 2023
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • नापाक हरकतों से बाज नहीं आएगा पाकिस्तान, सीजफायर के कुछ घंटो बाद ही कर रहा ड्रोन अटैक, भारत दे रहा करारा जवाब
    • संघर्ष विराम हुआ लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कठोर रवैया जारी रहेगाः जयशंकर
    • संघर्ष विराम: कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद के विशेष सत्र की मांग की
    • देश के लिए मर मिटने वाले जवानों को अपमानित किया जा रहा : बाबूलाल
    • मंत्री सुदिव्य का बिरसा समाधि स्थल दौरा, विकास का दिया भरोसा
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version