नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत में आज शुक्रवार को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के पिछले साल के आदेश को बहाल करने के लिए दायर अर्जी पर सुनवाई हुई। जानकारी के अनुसार अदालत में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा है।
आपको बता दें कि कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिंबध को हटाने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था किस अदालत अपने फैसले पर विचार करे। इस अर्जी में शीर्ष अदालत का पिछले महीने का वह आदेश वापस लेने का भी आग्रह किया गया है जिसमें पटाखों की बिक्री के लिये स्थाई लाइसेन्स निलंबित करने संबंधी 11 नवंबर, 2016 का आदेश अस्थाई रूप से वापस ले लिया था।
इससे पहले जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ के समक्ष गुरुवार को यह मामला सुनवाई के लिएआया तो याचिकाकर्ता के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि पिछले साल का आदेश ही जारी रहना चाहिए। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान उन्होंने पीठ से कहा कि न्यायालय ने 12 सितंबर को कुछ पटाखा निमार्ताओं के आवेदनों पर अपना पहले का आदेश अस्थाई रूप से वापस ले लिया है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने पटाखा निमार्ताओं की दलीलों पर विचार के बाद ही पिछले साल आदेश दिया था और यह स्वीकार किया था कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण बढने का एक कारण पटाखे भी हैं।