नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था को कथित तौर पर ठीक से लागू नहीं करने पर आड़े हाथों लिया। पार्टी ने कहा कि जीएसटी के जरिए देश को आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर लाने का मौका सरकार ने गंवा दिया। कांग्रेस के अनुसार जीएसटी बेहतर और सरल कर होना चाहिए न कि यह पूरी तरह से डरावना कर होना चाहिए।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश में जीएसटी आम आदमी और किसानों तथा कपड़ा क्षेत्र को कोई भी राहत पहुंचाने में नाकाम रहा है। ये क्षेत्र देश में सबसे बड़े रोजगार प्रदाता हैं। सुरजेवाला ने कहा कि जीएसटी को पूरी तरह से डरावना कर नहीं होना चाहिए बल्कि यह एक अच्छा और सरल कर होना चाहिए।
सुरजेवाला ने सरकार पर अनाड़ी और अदूरदर्शी होने का आरोप लगाया जो कि पूरी तरह से घमंड में चूर है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने अकुशलता और मुद्दों की पूरी समझ नहीं होने के चलते देश को तीव्र वृद्धि के रास्ते पर लाने का सुनहरी मौका गंवा दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह सच्चाई है कि भारत की जीएसटी दर दुनिया में आज सबसे ऊंची है और इसके जरिए ‘एक देश, एक कर’ का जो सपना था वह आज ‘एक देश, सात कर’ बनकर रह गया है।
सुरजेवाला ने सवाल किया कि लोगों को जो राहत मिलनी चाहिये थी वह कहां है? उन्होंने कहा लोगों को वास्तविकता चाहिये, खुश करने वाले शब्द नहीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली आम आदमी को राहत पहुंचाने की बात भूल चुके हैं। वह सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने वाले दो क्षेत्रों कृषि और कपड़ा क्षेत्र को राहत नहीं पहुंचा पाये हैं। ये दोनों ही क्षेत्र इस समय गंभीर संकट में हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि घबराई हुई मोदी सरकार अपने फौरी फैसलों से अपने ही जाल में उलझती नजर आ रही है और उसने अपनी अकुशलता के चलते उसने बेहतर अवसर गंवा दिया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से जो भारी नुकसान हुआ था उसके बाद जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण कर सुधार को लागू करने के जरिये देश के सकल घरेलू उत्पाद में संभावित दो प्रतिशत वृद्धि को जो अच्छा मौका मिला था सरकार ने अपनी अयोग्यता के चलते उसे आपद में बदल दिया। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की संप्रग सरकार ने जिस जीएसटी विधेयक को पेश किया था उसका मकसद और दिशा देश में एक एकल, पारदर्शी और सरल कर व्यवस्था को लागू करना था जिससे की दाम में कमी आये।