रांची। विधानसभा स्थापना दिवस पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार के ‘विकसित झारखंड 2050’ लक्ष्य को सिर्फ कागजी सपना बताते हुए कहा कि जब तक स्वास्थ्य और शिक्षा मजबूत नहीं होंगे, तब तक राज्य आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने चेताया कि गांव-कस्बों में डॉक्टर, दवा और टीचर की कमी से युवा पलायन को मजबूर हैं; आंकड़े बताते हैं कि 70 फीसदी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में हेडमास्टर नहीं और 60 फीसदी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ डॉक्टर गायब हैं। मरांडी ने कहा कि इन आधारभूत ढांचों को दुरुस्त किए बिना कोई औद्योगिक निवर नहीं आएगा और न ही रोजगार के नए दरवाजे खुलेंगे। कानून-व्यवस्था पर उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अगर भेदभाव रहित जीरो टॉलरेंस नीति नहीं अपनाई गई तो व्यापारी डर के साये में रहेगा और पूंजी निवेश सिर्फ कागजों तक सीमित रहेगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि पुलिस में पारदर्शिता लाने, फास्ट-ट्रैक कोर्ट बढ़ाने और महिला सुरक्षा के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाने का ऐलान करे ताकि आम आदमी को भरोसा मिल सके। मरांडी ने कहा कि विपक्ष भी विकास के रास्ते पर चलने को तैयार है, लेकिन सरकार को पहला कदम उठाना होगा।

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