गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी राजनीतिक दल चुनावी वादे करने में जुटे हैं और जनता इस चुनाव में अपने मुद्दों पर वोट करने को तैयार है. ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने के लिए क्विंट हिंदी ने खास तैयारी की है. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता खुद बताएगी अपने मुद्दे.
‘क्विंट हिंदी’ गुजरात के कोने-कोने में लोगों से मिलकर उनकी आवाज आप तक पहुंचाएगा. तो देखिए- नोटबंदी से विकास जैसे मुद्दों पर क्या है इन पांच लोगों की राय?
‘मैं इस बार कांग्रेस को वोट दूंगा’: पान दुकानदार
32 साल के उमाशंकर यादव गुजरात के सूरत में पान की दुकान चलाते हैं. उनका कहना है कि बीजेपी ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है, अच्छे दिन अभी तक नहीं आए हैं.
उमाशंकर यादव, सूरतमैं उसी पार्टी को वोट दूंगा, जो विकास करेगी. लेकिन अभी वोट देने लायक कोई विकास नहीं दिख रहा है. पहले हर बार मैं बीजेपी को वोट देता था. इस बार कांग्रेस को दूंगा. एक बार कांग्रेस को मौका देकर देख लेते हैं.
उमाशंकर अपने इलाके में बिजली, पानी और साफ सफाई की वजह से परेशान हैं. उनका कहना है कि वो शिकायत करते हैं लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं होती है.
‘CNG कीमत बढ़ गई लेकिन हमारा किराया वही है’: ऑटो रिक्शा ड्राइवर
ऑटो रिक्शा चलाने वाले पप्पू यादव गुजरात के वलसाड में वोट डालते हैं. उनका कहना है कि सीएनजी की कीमत तो बढ़ गई, लेकिन ऑटो रिक्शा के किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई.
पप्पू यादव, वलसाड22 साल से गुजरात में बीजेपी की सरकार है. लेकिन सड़को में 2 से 2.5 फीट गहरे गड्डे हैं. दूसरी तरफ सीएनजी का किराया 3.5 रुपये बढ़ गया. लेकिन ऑटो रिक्शा वालो का एक रुपये किराया नहीं बढ़ा.
इसके साथ ही पप्पू ने नोटबंदी और जीएसटी योजना की वजह से भी अपना दुख जाहिर किया.
पप्पू यादव, वलसाडजीएसटी जब से लागू हुआ है, तब से हमारा धंधा 400-500 रुपये से गिरकर 200-300 रुपये पर आ गया.
‘बीजेपी कुछ करे, नहीं तो 2019 में कांग्रेस वापस आएगी’: बिजनेसमैन
34 साल के ऋषि महेंद्र मोदी गुजरात के वलसाड में व्यापारी हैं. ऋषि का कहना है, ”सभी तरह से बीजेपी ने परेशान कर दिया है. धंधा होता नहीं है. रोजगारी, बेरोजगारी में बदल जाती है.”
ऋषि महेंद्र मोदी, वलसाड2014 में जब से बीजेपी ने चुनाव जीता है. तब से हम को बहुत तकलीफ महसूस होती है. बीजेपी के राज में भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है. मैं कहना चाहता हूं कि बीजेपी कुछ करें, नहीं तो 2019 के चुनाव में कांग्रेस वापस आ जाएगी.
ऋषि ने बताया कि सरकार की वजह से उनकी जिंदगी में कई तकलीफे हैं. जैसे: जीएसटी, महंगाई, नोटबंदी.
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के बावजूद, गरीब परिवार पढ़ नहीं सकते’: भूमि पटेल
27 साल की भूमि पटेल गुजरात के अहमदाबाद में वोट डालती हैं. उन्होंने सरकार की योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात करते हुए गरीबों का पढ़ाई से वंचित होना बड़ा मुद्दा बताया.
भूमि पटेल, अहमदाबादसरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना चल रही है. लेकिन सामान्य श्रेणी में आज भी कुछ गरीब परिवार हैं, जो सरकारी स्कूल कॉलेज की फीस भरने में असमर्थ हैं. मुझे लगता है कि ये बहुत बढ़ा मुद्दा है.
भूमि ने भारी बारिश के कारण सड़क पर पानी भरने का भी मुद्दा उठाया.
भूमि पटेल, अहमदाबादहम सब विकास की बात करते हैं. विकास क्या है? अभी-अभी बारिश गई है. लेकिन हम बाहर तक नहीं जा सकते.
‘गुजरात में रोजगार के अवसर कहां हैं?’: निराली शाह
44 साल की निराली शाह गुजरात के राजकोट में वोट डालती हैं. उन्होंने राज्य में बेरोजगारी जैसी बड़ी समस्या पर अपने विचार रखे.
निराली शाह, राजकोटमैं शिक्षा के क्षेत्र से हूं. इसलिए बेरोजगारी जैसी बड़ी समस्या समझ सकती हूं. चाहे नौकरी की बात करें या व्यापार की. दोनों में से किसी भी चीज में सपोर्ट नहीं मिल रहा है.
निराली शाह ने कहा, ‘जो भी पार्टी लोगों को रोजगार देगी, उसे ही मेरा वोट मिलेगा.’
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