पाकिस्तानी राजनीति की राजकुमारी लंदन की एक संक्षिप्त यात्रा के बाद इस्लामाबाद लौट आई हैं। और अब पाकिस्तानी राजनीति की यह राजकुमारी यानी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी अपनी सबसे बड़ी राजनीतिक संघर्ष का सामना करेंगी। लंदन वह अपनी मां कुलसूम नवाज की देखभाल के लिए गई थीं, जिनके कैंसर का इलाज हो रहा है। क्या न्यायपालिका और सेना उन्हें राजनीति में टिकने की इजाजत देंगी, ताकि वह अपने पिता के साथ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें? या नवाज शरीफ की तरह उन्हें भी अयोग्य ठहरा दिया जाएगा? इस बात की ज्यादा आशंका है कि उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा। कुछ भी संभव है। मरियम के भाई हसन और हुसैन नवाज को अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित कर दिया गया, क्योंकि वे अदालत की सुनवाई में हिस्सा लेने के लिए लंदन से नहीं लौटे, जहां वे रहते हैं। मरियम का कहना है कि चूंकि उनके पास ब्रिटेन में रहने की अनुमति है, इसलिए उन पर पाकिस्तान का कानून लागू नहीं होता है।
सेना यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही है कि न तो नवाज शरीफ और न ही उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी मरियम नवाज फिर से सक्रिय राजनीति में भाग ले सकें। हालांकि नवाज के भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शरीफ का नाम पनामा दस्तावेजों में नहीं है। शहबाज शरीफ के पास पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन ) का नेतृत्व करने का अच्छा मौका है, बशर्ते कि नवाज और उनकी बेटी राजनीतिक परिदृश्य से बाहर हो जाएं।
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