पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों पर सोमवार को कहा कि कांग्रेस में यही सिद्धांत है। उन्होंने कांग्रेस में परिवारवाद को लेकर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में कोई दूसरा चाहे तो भी अध्यक्ष नहीं बन सकता। राहुल बिना अध्यक्ष के भी आज पार्टी के सर्वेसर्वा हैं। यह सब कहकर नीतीश ने यह भी कहा कि यह कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है।

पटना में लोकसंवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद नीतीश ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सभी पार्टियां चुनाव में जाने से पूर्व तैयारी करने के लिए स्वतंत्र हैं। वर्ष 2019 में जनता फैसला करेगी। राहुल अगर अध्यक्ष बनते हैं, तो यह अच्छी बात है।

पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं दिए जाने के एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह मांग काफी पुरानी है। संसद में भी हम इसे उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा, “इस बारे में अब केंद्र सरकार को फैसला लेना है। केंद्र सरकार चाहे तो पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे या नहीं दें, यह उनके हाथ में है।”

नीतीश कुमार ने उच्च शिक्षा का संचालन राज्य सरकार के हाथों में देने की वकालत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए राज्य सरकार ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकती, उसके अपने दायरे हैं। उन्होंने कहा, “उच्च शिक्षा में राज्यों के पास सीमित अधिकार हैं। इसे बदलने की जरूरत है और केंद्र सरकार को इस विषय में राज्य सरकार की क्षमता निर्धारित करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि बिहार में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षकों की बड़े पैमाने पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल ही है। जल्द ही शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र विलंब से चलने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सत्र पीछे होने से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

नीतीश कुमार ने कहा कि उच्च शिक्षा को बेहतर करने की जरूरत है और यह सबको मिलकर करना होगा।

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