बेंगलुरु. यहां के एजिपुरा में सोमवार को एक धमाके के साथ चार मकान जमींदोज हो गए। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई। जान गंवाने वाले एक पैरेंट्स की बच्ची को मलबे से जिंदा निकाला गया है। उसकी उम्र 2 से 3 साल है। उसके परिवार में उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं बचा है, ऐसे में अब राज्य सरकार ने उसे गोद लेने का फैसला किया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बिल्डिंग्स एलपीजी सिलेंडर में ब्लास्ट से हुई हैं। हालांकि, सरकार की ओर से आए बयान में कहा गया है कि वहां रखे सिलेंडर में गैस नहीं है। माना जा रहा है कि यह हादसा एलपीजी सिलेंडर में ब्लास्ट की वजह से हुआ है। बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा…

 ब्लास्ट एक दो मंजिला इमारत में हुआ। यह इतना जबर्दस्त था कि इसकी चपेट में आसपास के तीन और मकान आ गए।
– मारे गए छह लोगों में से पांच उसी बिल्डिंग में रहते थे, जिसमें ब्लास्ट हुआ।
– मौके पर रेस्क्यु ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मलबे में अभी कुछ और लोग दबे हो सकते हैं, ऐसे में मौत का आकंड़ा बढ़ने की आशंका है।
– मलबे से निकाली गई बच्ची को सरकार गोद लेगी। राज्य के डेवलपमेंट मिनिस्टर केजे जॉर्ज ने यह एलान किया है।
सिलेंडर में गैस नहीं थी: गृहमंत्री
– कर्नाटक के गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, “मकान में रखे एलपीजी सिलेंडर्स में गैस नहीं थी, इसलिए यह श्योर नहीं है कि सिलेंडर ब्लास्ट की वजह से मकान गिरे हैं।”मारे गए लोगों के परिवार को 5-5 लाख मुआवजा
– मंत्री केजे जॉर्ज ने हादसे में मारे गए लोगों की फैमिली को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने का एलान किया है। इसके अलावा सरकार हादसे में जख्मी हुए लोगों को 50-50 हजार रुपए की मदद देगी।
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