चंडीगढ। दुष्कर्म के आरोप में बीस साल के कारावास की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को भगाने की साजिश रचने के आरोप में चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक चंडीगढ़ पुलिस का हेड कॉन्स्टेबल बताया जा रहा है। चारों की गिरफ्तारी एसआईटी की टीम ने की है, बताया जा रहा है कि हेड कॉन्स्टेबल लालचंद की ड्यूटी सीबीआई अदालत में नहीं होने के बावजूद उसे वहां कई बार देखा गया है। एसआईटी ने चारों पुलिसकर्मियों से पूछताछ शुरू कर दी है।

लाल चंद और उसका एक अन्य साथी गोपाल बंसल डेरा समर्थक माने जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 25 अगस्त को राम रहीम को पुसिस कस्टडी से भगाने के लिए उन्होने साजिश रची थी। गोपाल बंसल राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले से तालुक रखते हैं। इनके अलावा सरनजीत और गुरमीत नाम के अन्य दो पुलिसकर्मियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों पर आरोप है कि इन्होने 38 दिन तक गायब रही हनीप्रीत को पनाह दी थी। हालांकि हनीप्रीत को पनाह देने में अभी कई और लोगों के भी हाथ होने की आशंका है जिनकी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।

उधर हनीप्रीत को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पुलिस को कई ऐसे दस्तावेज हाथ लगे हैं जिनसे साबित होता है कि हनीप्रीत के नाम राम रहीम ने अरबों रुपए की संपत्तियां करा रखी थी। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान सहित कई राज्यों में भूमि और मकानों से जुड़े दस्तावेज पुलिस ने बरामद किए।

पुलिस को ज्यादातर दस्तावेज राम रहीम के पैतृक गांव राजस्थानी जिले श्रीगंगानगर के गुरुसर से प्राप्त हुए हैं। जिनमें कुछ ही माह पहले हुए करोड़ों रुपए के लेन-देन का लेखा-जोखा है। पुलिस ने यहां से एक बैग भी बरामद किया है जिसमें जमीन और मकानों के पट्टे पाए गए हैं। इन दस्तावेजों में ज्यादातर संपत्तियां हनीप्रीत के नाम होने की पुष्टि होती है। ये संपत्तियां देश की राजधानी दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान करीब सैंकड़ों संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा हनीप्रीत के डेबिट कार्ड और लेपटॉप की भी जांच साइबर एक्सपर्ट्स द्वारा कराई जा रही है।

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