रामगढ़ की चूटूपालू घाटी बनी मौत की घाटी को लेकर अब आंदोलन शुरू हो गया है. रोज दुर्घटना होने के बावजूद भी एनएचएआई और रामगढ़ जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. हाल ही में तीन ट्रेलरों की टक्कर के बाद गो लोगों के जिंदा जलने के मामले के बाद लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है जिसके मद्देनजर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक पिछले एक सप्ताह पहले पटेल चौक के पास ट्रेलर में फंसे चालक और उपचालक को निकालने के लिए घंटो मशक्त करने के बाद दोनों की मौत हो गई. लगातार हो रही घटना को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक दल आंदोलन के मूड में हैं. सरकारी आंकड़ो पर गौर किया जाए तो सैंकड़ो लोगों की मौत और हजारों लोग घायल हुए हैं और कई वाहन दुघर्टनाग्रस्त हुो चुके हैं.

लोगों का कहना है कि आए दिन रामगढ़ की चूटूपालू घाटी में लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. वहीं लगातार हो रही दुघर्टना को रोकने के लिए लोग अनिश्चितकालीन धरने पर जारी हैं. लोगों का कहना है कि इस फोर लेन हाइवे के डिजायन गलत तरीके से बनाया गया है जिसके कारण लगातार हादसे हो रहे हैं. लोगों ने कहा कि वे इस सबंध में एनएचएआई और राज्य सरकार को दोषी मानते हैं.

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