पश्चिम सिंहभूम के सारंडा में स्टील प्लांट लगाने की राज्य सरकार की योजना को बड़ा झटका लगा है. रविवार को मनोहरपुर के डिम्बुली गांव में आयोजित ग्राम सभा में ग्रामीणों ने स्टील प्लांट लगाने वाली वेदांता कंपनी को 40 एकड़ जमीन देने से ही साफ इंकार कर दिया. मीडिया में रविवार को खबर फैलने के बाद सोमवार की सुबह से ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को मनाने की मुहिम भी तेज कर दी है.

राज्य सरकार ने मोमेंटम झारखंड कार्यक्रम के तहत अति नक्सल प्रभावित सारंडा के विकास और यहां लोगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के उद्देश्य से मनोहरपुर के डिम्बुली गांव के पास स्टील प्लांट लगाने की योजना बनाई थी. मगर स्टील प्लांट हेतु जमीन अधिग्रहण के लिए जब ग्राम सभा का आयोजन किया गया तो ग्रामीणों ने जमीन देने से ही इंकार कर दिया. इस मामले में झामुमो विधायक दीपक विरूआ का कहना है कि सरकार के पास विस्थापित आदिवासियों के पुनर्वास की कोई योजना ही नहीं है. ऐसे में कोई क्यों अपनी जमीन दे.

ग्रामीणों को जमीन देने से इंकार करने के बावजूद भाजपा सांसद लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि सारंडा में स्टील प्लांट आदिवासियों के विकास के लिए ही लगाया जा रहा है. आदिवासी शीघ्र मान जाएंगे और दिसंबर में सीएम रघुवर दास स्टील प्लांट का भूमिपूजन करेंगे.

दूसरी तरफ ग्राम सभा में मौजूद चक्रधरपुर के एसडीओ ने कहा कि कुछ लोग ही विरोध कर रहे थे. अधिकतर लोग स्टील प्लांट के समर्थन में थे. यह जमीन सरकार की है और ग्रामीणों से सिर्फ सहमति ली जा रही थी. बहरहाल, मीडिया में ग्रामीणों के जमीन देने से इंकार करने की खबर के बाद सरकार और जिला प्रशासन ने आज सुबह से ही ग्रामीणों को मनाने की कवायद शुरू कर दी. डिम्बुली गांव के मुंडा ( ग्राम प्रधान) के साथ कुछ ग्रामीणों को चाईबासा एडीसी कार्यालय लाया गया है, जहां मनोहरपुर सीओ, चक्रधरपुर एसडीओ, वेदांता के अधिकारी के साथ अपर उपायुक्त वार्ता कर रहे हैं. हालांकि मीडिया को इससे दूर रखा गया है.

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