झुमरी तिलैया माथे पर डलिया, मन में श्रद्वा का भाव, होठों पर छठ के गीत और अघ्र्य घाटों की ओर बढ़ते कदम। कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला 26 और 27 अक्टूबर को। यह मौका कोई और नहीं बल्कि लोक आस्था के महापर्व छठ का था। कुछ ऐसी ही स्थिति अघ्र्य घाटों की ओर जानेवाले भक्तों की थी। अपने मन में सफलता की कामना लिए श्रद्वालु अघ्र्य घाट की ओर पहुंचे और भगवान भास्कर को अघ्र्य देकर जीवन में सुख, शांति और समृद्वि की कामना की। छठ में भगवान सूर्य के डूबते और उगते स्वरुप को अघ्र्य देने की परंपरा है। इस मौके पर कोडरमा डीसी संजीव कुमार बेसरा ने कोडरमा के राजा तालाब में भगवान भास्कर को अघ्र्य दिया। वहीं दूसरी ओर पूर्व मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इंदरवा छठ घाट पर भक्तों के बीच फलों का वितरण किया। यहां अड्डी बंगला दुर्गापूजा समिति के द्वारा फालों की व्यवस्था की गई थी। दूसरी ओर जिप अध्यक्ष शालिनी गुप्ता ने तिलैया बस्ती अघ्र्य घाट पर बने पूजा पंडाल का उदघाटन किया। भक्तों ने सभी घाटों पर भगवान भास्कर के डूबते और उगते स्वरुप को अघ्र्य दिया और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्वि की कामना की। चित्रगुप्त नगर के छठ घाट पर वार्ड पार्षद अरुण चंद्रवंशी के द्वारा लाइटिंग और पंडाल की व्यवस्था की गई है। वहीं गुमो छठ घाट पर समित के द्वारा लाइटिंग और रात में महाप्रसाद खिचड़ी की व्यवस्था की गई थी।
इन घाटों पर पड़ा अघ्र्य: सूर्य उपासना के पर्व छठ को लेकर झुमरी तिलैया के तिलैया बस्ती, इंदरवा छठ घाट, विद्यापुरी स्थित धनी सिंह और जयमंल सिंह छठ तालाब, गुमो, महतो अहरा, गुमो के खैरा नदी, कोरियाडीह छठ तालाब, मडुआटांड़ और पानी टंकी रोड स्थित भास्कर छठ तालाब में भगवान भस्कर को अघ्र्य दिया गया।