पूर्वी सिंहभूम। सीएम रघुवर दास ने कहा कि सड़कें गांव को गांव और एक राज्य को दूसरे से जोड़ने का काम करती हैं। विघटनकारी शक्तियों से सावधान रहने की जरूरत है। निर्माणकारी ताकत को अपनाना जरूरी है, जिससे सामाजिक समरसता बनी रहे और समाज में मेल-जोल बढ़े। सरकार निरंतर जोड़ने का काम कर रही है। शासन और जनता के बीच की दूरी कम हो और दूरी का लाभ उठाकर बिचौलिये या असामाजिक तत्व अपनी जगह नहीं बनायें, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। सीएम पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया प्रखंड के भागाबांदी में आयोजित जन चौपाल में बोल रहे थे। मौके पर उन्होंने पथ निर्माण विभाग की छह योजनाओं का शिलान्यास किया। साथ ही स्कूलों में विज्ञान केंद्र और स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर 2014 को जब एक मजदूर को राज्य का मुख्य सेवक बनाया गया, तब से विकास का क्रम शुरू हुआ है। पूरे राज्य में जो विकास हुआ है, उसकी आज देश-दुनिया में चर्चा है। किसी समय में झारखंड की गणना भ्रष्टाचार और नक्सलवाद प्रधान राज्य के रूप में होती थी। साढ़े तीन साल में बेदाग और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था से राज्य का विकास कई गुना बढ़ गया है। राज्य के हर कोने में विकास नजर आ रहा है।

सबका साथ-सबका विकास सरकार का मूल मंत्र
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास के मूल मंत्र के साथ सरकार काम कर रही है। ग्राम के लोग जो योजनाएं बना कर देते हैं, उन्हीं के आधार पर सरकार काम कर रही है। दो प्रखंड में करोड़ रुपये खर्च करना, इस बात को दर्शाता है कि सरकार राज्य में आधारभूत संरचना में तेजी से काम कर रही है। साढ़े तीन साल में पूर्वी सिंहभूम में 350 किलोमीटर सड़क, 39 पुल-पुलिया बनाये गये हैं।
खेती के लिए 2019 से अलग से फीडर बनाने का काम शुरू होगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर 2018 तक झारखंड के 32 हजार गांवों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य है। खेती के लिए 2019 से अलग फीडर बनाने का काम किया जायेगा। उद्योग के लिए अलग फीडर और आम जनता के लिए अलग फीडर से बिजली आपूर्ति होगी। कहा कि एक राज्य-एक ग्रिड होना चाहिए, लेकिन झारखंड में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्युत सबस्टेशन दूर-दूर स्थित है, इसलिए सरकार सब स्टेशन का निर्माण करवा रही है। 247 गांव ऐसे हैं, जहां गरीब आदिवासी रहते हैं, वहां पर सोलर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की जा रही है।

इनकी रही उपस्थिति
जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक मेनका सरदार, लक्ष्मण टुडू, कुणाल षाड़ंगी, जिला परिषद की अध्यक्ष बुलू रानी सिंह, जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त विजय कुमार सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।

गांव-शहर के विभेद को मिटाना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ज्ञान आधारित युग में जी रहे हैं। इस बदलाव के लिए गांव एवं शहर के विभेद को समाप्त करते हुए सभी जगह एक जैसी सुविधा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट क्लास में तकनीक के माध्यम से पढ़ाई होगी। पूरे जिला में 21 विद्यालय लिये गये हैं, जहां स्मार्ट क्लासेस के जरिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जायेगी। 17लाख की लागत से विज्ञान केंद्र स्थापित किये गये हैं, ताकि बच्चों में वैज्ञानिक सोच और इनोवेटिव आइडियाज को बढ़ावा मिले।

10 वर्षों में झारखंड दुनिया के सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में इतनी क्षमता है कि यह विश्व के समृद्धतम राज्यों के समकक्ष आ सकता है। 40 प्रतिशत प्राकृतिक संपदा झारखंड में है, मेहनतकश मानव संसाधन है। दृढ़ इच्छाशक्ति, मेहनत और लगन से झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता विकास के पथ पर चल पड़ी है। आने वाले 10 वर्षों में झारखंड दुनिया के सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में होगा। कहा कि 2022 तक न्यू इंडिया बने। इसकी शुरुआत नया झारखंड बनने से होगी। 2022 तक झारखंड में कोई भी गरीब बेघर नहीं रहेगा। सरकार ने तय किया है कि नशा मुक्त गांव को एक लाख दिये जायेंगे। इसके लिए ग्राम प्रधान गांव-गांव में बैठ कर नशा उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलायें ।

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