नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस समय अजब संकट से गुजरती हुई दिखाई दे रही है। सीबीआई ने अपने विभाग के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना तथा यहां मुख्यालय में तैनात अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्रताडऩा और करोड़ों रुपए की वसूली करने की शिकायत पर केस दर्ज किया है। इस संदर्भ में 15 अक्टूबर को दर्ज प्राथमिकी की प्रति रविवार को मीडिया में उपलब्ध कराई गयी। प्राथमिकी के अनुसार अस्थाना, सीबीआई के उपाधीक्षक विशेष जांच दल देवेंद्र कुमार, दो निजी व्यक्ति मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

जांच एजेंसी ने इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 के तहत आपराधिक साजिश, आपराधिक दुव्र्यवहार के मामले भी दर्ज किये हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि 09 अक्टूबर 2017 को उसे कुमार से एक नोटिस प्राप्त हुआ था जिसमें उसे उनके (कुमार) के समक्ष मीट कारोबारी मोईन अखेतर कुरैशी व अन्य के मामले को लेकर सीबीआई मुख्यालय में पेश होने का निर्देश दिया गया था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अस्थाना के खिलाफ हैदराबाद के व्यापारी सतीश सना की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। सतीश के खिलाफ मीट व्यापारी मोईन कुरैशी से जुड़े एक धनशोधन मामले की भी जांच हो रही है। सीबीआई को दिए गए बयान में सतीश सना ने कहा है कि उसने अस्थाना को दो करोड़ रुपस् की रिश्वत दी है। यह पैसा 10 महीने की अवधि में दिया गया है जिसकी शुरुआत दिसंबर 2017 से हुई है।

सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का दावा है कि सतीश सना कि यह शिकायत सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों की साजिश है। उन्होंने सीबीआई के निदेशक और सीवीसी अरुण शर्मा के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। अस्थाना ने बताया कि उन्होंने अगस्त में ही कैबिनेट सचिव को इन शीर्ष अधिकारियों के भ्रष्टाचार के 10 उदाहरण, आपराधिक कदाचार, संवेदनशील मामलों की जांच में हस्तक्षेप की जानकारी दी थी। गौरतलब है कि मीट व्यापारी मोईन कुरैशी के खिलाफ इस समय प्रवर्तन निदेशालय हवाला के कई मामलों की जांच कर रहा है। उसके संपर्क दुबई, लंदन और यूरोप में कई जगह तक फैले होने की आशंका है।

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