रांची। अलकतरा घोटाला में फंसी रामगढ़ के चितरपुर में स्थित क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की। निदेशालय की एक टीम ने छापामारी कर दिलीप कुमार सिंह की इस कंपनी की दो करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की प्रॉपर्टी सील कर दी। कंपनी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने पटना में 13 मार्च, 2013 को प्राथमिकी दर्ज की थी। क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन के अलावा इसी मामले में कलावती कंस्ट्रक्शन और नव निर्माण बिल्डर पर भी प्राथमिकी दर्ज की गयी। तीनों कंपनियों पर मनी लाउंड्रिंग (धन शोधन) के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई। बाद में इस मामले को रांची के हवाले कर दिया गया।

चार्जशीट में कलावती कंस्ट्रक्शन के खिलाफ 55 लाख की मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगाया गया। क्लासिक कोल के खिलाफ 2.08 करोड़ और नव निर्माण के खिलाफ 80 लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगाया गया। जांच में पता चला कि क्लासिक कोल ने क्लासिक मल्टीप्लेक्स में पैसे लगाये। कुमार प्रणव इस कंपनी के निदेशक थे। बिटुमिन खरीद के नाम पर फर्जी बिल के जरिये करोड़ों रुपये की निकासी के आरोप में जून, 2018 में प्रणव को रांची के लाइन टैंक रोड स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया गया था।

इधर, नव निर्माण बिल्डर्स ने दो बार अपना नाम बदला। कंपनी ने पहले अपना नाम नव निर्माण एंड बिल्डर्स किया और बाद में एनएचबी इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड कर लिया। उल्लेखनीय है कि महालेखाकार ने राज्य गठन के बाद पथ निर्माण विभाग में हुए अलकतरा घोटाले से संबंधित रिपोर्ट सरकार को भेजी थी। इस मामले में सरकार की चुप्पी के बाद हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सीबीआइ जांच के आदेश दिये। इसके बाद सीबीआइ ने 2011-12 में इस मामले में कुल 22 प्राथमिकी दर्ज की थी। इडी ने इसमें से तीन कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

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