चेन्नै : एआईएडीएमके के बागी 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने से जुड़े मामले को लेकर सूबे में लगातार जारी सियासी उठापठक पर आखिरकार गुरुवार को विराम लग गया। मद्रास हाई कोर्ट ने स्पीकर के फैसले को बरकरार रखा है। इसके साथ ही यह फैसला सत्तारूढ़ सरकार के लिए जहां राहत लेकर आई है, वहीं टीटीवी दिनकरन गुट को इससे तगड़ा झटका लगा है।
बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष धनपाल ने इन 18 विधायकों को पिछले साल सितंबर में अयोग्य घोषित कर दिया था। अध्यक्ष की कार्रवाई के खिलाफ इन विधायकों ने सितंबर, 2017 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद इस मामले में कई ट्विस्ट आए थे और सभी की नजरें आज आने वाले फैसले पर थीं। हाई कोर्ट के फैसले ने राज्य सरकार को राहत दी है।
दरसअसल, तमिलनाडु की राजनीति में बागी विधायकों के इस फैसले के बाद आंकड़ों का खेल काफी अहम हो गया था। ऐसे में सबकी निगाहें कोर्ट पर टिकी थीं। ऐसा इसलिए भी था कि अगर कोर्ट ने स्पीकर के फैसले को गलत ठहराया होता तो फिर एआईडीएमके सरकार की मुश्किलें बढ़ जातीं। फिलहाल कोर्ट के इस फैसले ने सूबे की ई पलनिसामी सरकार को बड़ी राहत दी है।
और मजबूत होंगे सीएम पलानिसामी
कोर्ट के इस फैसले ने वर्तमान सीएम ई.पलानिसामी को जहां राहत दी है वहीं उन्हें मजबूत भी किया है। दरअसल, सरकार की स्थिरता को लेकर जारी गतिरोध खत्म होने के साथ ही अब आगे के चुनावों में बीजेपी के साथ गठबंधन की स्थिति में सीटों को लेकर पलानिसामी तोल-मोल की स्थित में भी होंगे। दरअसल, कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इन सीटों पर उपचुनाव तय है।