विष्णुगढ़। थाना क्षेत्र में अवैध कोयले की तस्करी ने अब तूल पकड़ लिया है। कोयला तस्करों द्वारा इस धंधे का अंजाम अब निर्भिक होकर दिया जा रहा है। मोटरसाइकिल और साइकिल से कोयला ढुलाई करने वाले कोयला तस्कर थाना को मैनेज करते हैं और ट्रक से तस्करी करने वाले कुख्यात तस्कर उपर तक मैनेज करते हैं। यही कारण है कि अवैध कोयले की तस्करी पर विराम नहीं लग रहा है। सबसे अधिक कोयले की तस्करी विष्णुगढ-बागोदर के रास्ते में हो रही है।
मोटरसाइकिल और साइकिल से उक्त रास्ते में सुनिश्चित स्थानों पर कोयला जमा किया जाता है फिर सुरज ढलने के बाद ट्रकों में अवैध कोयल लोडिंग कर बरकट्ठा के रास्ते से मंडियों में पहुंंचाया जा रहा है। यह धंधा विष्णुगढ़ थाना पुलिस के नाक के नीचे हो रही है। धंधे में शामिल कुछ लोगों का कहना है कि हमलोग सिर्फ थाना को मैनेज करते हैं, और आगे का मैनेज कुख्यात धंधेबाजों द्वारा किया जा रहा है यही कारण है कि इस धंधे में अब विराम नही लग सकता है। आगे बताया है कि प्रतिदिन 50 से 60 बाइको पर स्टीम कोयले की ढुलाइ हो रही है।
कहां से होती है कोयले की खनन और चोरी: बताया जाता है कि बोकारो जिले में बंद पडें कोलियरीयों से कोयले की अवैध खनन कर टोकरी और बोरिया से साइकिल और मोटरसाइकिल को दिया जाता है। कुछ एसे अवैध खनन क्षेत्र हैं जो जंगल में हैं। जहां से मजदूरों के माध्यम से कोयले की कटिंग हो रही है। चोरी के कोयले बाइक चालकों ने विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के सिमरिया बरांय होकर हरिहर धाम के पास पहुंच रहा है। फिर ट्रक में लादकर जीटी रोड के सहारे कोयला लेकर कई जगह पर कोयला पहुंचाते हैं। एक बाइक पर 15 से 20 बोरी स्टीम कोयले लादा जाता है।
बाइक सवार कोयला तस्कर काफी तेज गति से गांव की गलियों से लेकर सड़कों पर भागते हैं। जिस गांव से तस्कर मोटरसाइकिल से गुजरते हैं ग्राीमण बच्चों को हर समय खतरे की आशंका बनी रहती है। कई बार इस तरह की दुर्घटना में मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह ऐलान कर रखा है कि जिस थाना क्षेत्र में कोयले की तस्करी की पुष्टि होगी वहां के थानेदार नपेंगे । बावजूद इसके थाना प्रभारी बाइक के जरिए धड़ल्ले से जारी कोयला तस्करी मामले में खामोश है।