रांची। झारखंड प्रदेश विद्यालय रसोइया, संयोजिका संघ फोर्थ ग्रेड का दर्जा देने समेत 15 सूत्री के मांग को लेकर 25 सितंबर से राजभवन के समक्ष धरना पर बैठा है, लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी जा रही थी। दबाव बनाने के लिए मंगलवार को सीएम आवास घेराव का कार्यक्रम था। सीएम आवास घेरने जा रहीं रसोइया, संयोजिका को जब पुलिस रोकनी चाही, तो इनलोगों ने बेरिकेडिंग तोड़ पुलिस को ही निशाने पर ले लिया और आगे बढ़ गयीं। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें हटाया। इस दौरान पुलिस और रसोइयों के बीच झड़प भी हुई। इसमें कइयों को चोट लगी है।

मौके पर एसडीओ गरिमा सिंह सहित अन्य थानों की पुलिस भी पहुंची थी। मामले को सुलझाने की कोशिश की। गरिमा सिंह लगातार उन्हें समझा रही थीं, हालांकि वे मानने के तैयार नहीं थीं। लाठीचार्ज के बाद फिर से रसोइया संघ के सदस्य राजभवन के पास बने धरनास्थल पर जाकर बैठ गये। साथ ही उग्र आंदोलन की बात कही। इधर, मांगों को लेकर रसोइया संघ ने मोरहाबादी में प्रदर्शन किया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की। वहीं पुलिस के बल प्रयोग के बाद प्रदर्शन और उग्र हुआ। आगे भी उग्र प्रदर्शन का निर्णय लिया गया।

रसोइया-संयोजिका की मांग
तमिलनाडु की तर्ज पर रसोइया-संयोजिका को फोर्थ ग्रेड में झारखंड सरकार शामिल करे। बंद किये गये 350 स्कूल को अविलंब चालू किया जाये और राज्य सरकार 10 हजार स्कूलों को बंद करने का फैसला वापस ले। रसोइया-संयोजिका को नियुक्ति पत्र जारी कर 70 साल तक काम करने का अधिकार दिया जाये। पांच लाख रुपये का नि:शुल्क बीमा करने, मानदेय 18 हजार करने समेत अन्य मांग शामिल है।

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